गरियाबंद. मैनपुर विकासखंड क्षेत्र से मानवता को तार-तार करने वाली घटना सामने आई है. जहरीले सांप के काटने के बाद एक मासूम समय पर ईलाज नहीं मिलने से असमय काल के गाल में समा गया. इससे भी दुखद यह कि मासूम की लाश को गांव तक पक्की सड़क नहीं होने के कारण पिता और परिजनों ने बाइक के सहारे रोते बिखलाते घर पहुंचाया.
तहसील मुख्यालय मैनपुर से करीब 36 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत भुतबेड़ा के आश्रित ग्राम तेन्दुछापर के शासकीय प्राथमिक शाला में पढ़ाई करने वाले कक्षा दूसरी के छात्र चन्द्रहास अपने परिजनों के साथ जमीन पर सोया हुआ था. गुरूवार तड़के चार बजे के आसपास चन्द्रहास को जहरीले सांप ने काट दिया. जिसके बाद माता-पिता ने मासूम को गांव से लगभग तीन किलोमीटर दूर कच्ची दलदल पगडंडी से लेकर सड़क तक पहुंचे. यहां से 108 संजीवनी एक्सप्रेस के माध्यम से मैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले गए. लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. जिससे चन्द्रहास की रास्ते में ही मौत हो गई. मैनपुर अस्पताल पहुंचने पर डाॅक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद मृतक का पंचनामा और पोस्टमार्टम कर शव को स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुक्तांजली वाहन से उनके घर के लिए रवाना किया गया. लेकिन ग्राम तेन्दुछापर तक पक्की सड़क नहीं होने के कारण भूतबेड़ा मुख्य सड़क तक शव मुक्तांजलि वाहन से पहुंचाया.