acn18.com रायपुर. आज देवउठनी एकादशी से शादियां प्रारंभ हो जाएगी. 23 नवंबर को 5 माह के चातुर्मास की अवधि पूरी हो रही है. इसी दिन श्री हरि फिर योग निद्रा से बाहर आएंगे. इसी के साथ पिछले पांच माह से थमी शहनाइयां गूंजने लगेंगी तथा दूल्हों का घोड़ी पर चढऩे का इंतजार भी खत्म हो जाएगा. ऐसे में 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी को स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त रहेगा. 23 से 30 नवंबर तक यानी 8 दिन में विवाह के 6 शुभ मुहूर्त है. पंचांग के अनुसार 23, 24, 25, 27, 28 और 29 नवंबर में विवाह मुहूर्त हैं.
- Advertisement -
शादी-विवाह को आज भी परिवारों में शुभ मुहूर्त में मंगलकारी मानते हैं.देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु क्षीरसागर में 4 माह शयन के बाद जागते हैं. भगवान विष्णु के शयनकाल के चार मास में विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. इसलिए देवोत्थान एकादशी पर श्री हरि के जागने के बाद शुभ तथा मांगलिक कार्य शुरू होते हैं.
इसके बाद तुलसी विवाह का आयोजन भी किया जाता है.23 नवंबर को देवउठनी एकादशी मनाई जाएगी और 24 नवंबर को तुलसी विवाह होगा. कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 22 नवंबर को 11.03 मिनट बजे शुरू होगी और 23 नवंबर को 09.01 मिनट पर खत्म होगी.
डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/जयोतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेंगी।