acn18.com सीकर/राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर राजू ठेहट का सीकर में आज सुबह गैंगवार में मर्डर हो गया। कोचिंग की ड्रेस में पहुंचे बदमाशों ने ठेहट को घंटी बुलाकर बाहर बुलाया और फायरिंग कर दी। ठेहट को 3 से ज्यादा गोली लगी है।
राजस्थान के पुलिस महानिदेशक (DGP) उमेश मिश्रा ने बताया कि इस फायरिंग का एक बदमाश ने वीडियो भी बनाया। इधर, लॉरेंस विश्नोई गैंग के गैंगस्टर रोहित गोदारा ने इसकी जिम्मेदारी ली है।
मिश्रा ने बताया कि बदमाश पंजाब और हरियाणा बॉर्डर की तरफ जाएंगे। इन बदमाशों के पीछे राजस्थान पुलिस है पूरे प्रदेश भर में कड़ी सुरक्षा के आदेश दे दिए गए हैं। सभी SHO को फील्ड में रहने के आदेश दिए गए हैं। पुलिस ने बताया कि शहर के पिपराली रोड पर ठेहट का घर है। यहां हुई फायरिंग में नागौर के एक व्यक्ति की भी गोली लगने से मौत हुई है। जानकारी के अनुसार मृतक फायरिंग का वीडियो बना रहा था। इसलिए आरोपियों ने उस पर भी फायरिंग कर दी।
इस एरिया में लगे CCTV फुटेज की जांच में चारों बदमाश नजर आए हैं। इसमें वे हथियारों के साथ भागते नजर आ रहे हैं।
फायरिंग की जानकारी मिलते ही सीकर SP कुंवर राष्ट्रदीप सहित बड़े पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए और DGP के निर्देश पर पूरे राज्य में नाकाबंदी की गई है। ठेहट की गैंग शेखावाटी में काफी सक्रिय थी और आनंदपाल गैंग से भी उसकी दुश्मनी थी। आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद भी दोनों गैंग में वर्चस्व की लड़ाई जारी थी।
गोली मारने के बाद चेक किया कहीं जिंदा तो नहीं
इस पूरे हत्याकांड के कई CCTV फुटेज भी सामने आए हैं। एक फुटेज में दिख रहा है ठेहट के घर के सामने एक ट्रैक्टर आकर रुकता है और चार-पांच बदमाश उसमें से हथियार निकालकर बाहर खड़े ठेहट पर फायरिंग करना शुरू कर देते हैं। बदमाश 30-40 सेकेंड तक गैंगस्टर राजू पर फायरिंग करते दिख रहे हैं। बदमाशों ने करीब 50-60 राउंड फायरिंग की है। गोली मारने के बाद बदमाश कुछ सेकेंड बाद वापस और जमीन पर पड़े राजू को चेक किया कि कहीं वह जिंदा तो नहीं है।
भागने के दौरान दो बार बदली गाड़ी
सूत्रों के मुताबिक बदमाशों का मूवमेंट नीमकाथाना की तरफ हुआ है। हत्या के बाद वे गाड़ी से नीमकाथाना से होते हुए खेतड़ी गए और वहां गाड़ी बदल ली।
सीकर से वे अल्टो लेकर भागे थे, खेतड़ी में उन्होंने अल्टो छोड़कर क्रेटा गाड़ी ले ली। इस दौरान भी उन्होंने फायरिंग की है। क्रेटा गाड़ी का नंबर RJ 45 CH 1786 बताया जा रहा है
लॉरेंस गैंग ने लिया हत्या का बदला
राजू ठेहट के मर्डर की जिम्मेदारी लॉरेंस ग्रुप के रोहित गोदारा ने ली है। गोदारा बीकानेर के लूणकरणसर का है। गोदारा ने एक पोस्ट भी किया है, जिसमें लिखा है कि ये हमारे बड़े भाई आनदंपाल और बलबीर की हत्या में शामिल था। जिसका बदला आज हमने इसे मारकर लिया है।
सुभाष बानूड़ा पर शक
आनंदपाल और राजू ठेहठ के बीच लंबे समय से रंजिश चल रही थी। हत्या के पीछे आनंदपाल गैंग के बलबीर बानूड़ा के बेटे सुभाष बानूड़ा का हाथ बताया जा रहा है। बलवीर बानूड़ा की राजू ठेहट ने हत्या करवाई थी। बताया जा रहा है कि गैंगस्टर सुभाष दो साल से ठेहट को मारने की फिराक में था। हालांकि, पुलिस ने अब तक इस बारे में कुछ नहीं कहा है। सुभाष बानूड़ा और रोहित गोदारा साथी हैं।
सीकर बंद करवा रहे जाट समाज के लाेग
राजू ठेहट की मौत के बाद लोगों में काफी आक्रोश है। जाट समाज की ओर से सीकर की दुकानों को बंद कराया जा रहा है, बड़ी संख्या में लोग पैदल चलते हुए पूरे मार्केट को बंद करवा रहे हैं।
आरोपियों का उदयपुर कनेक्शन!
पुलिस ने इस मामले में कुछ आरोपियों को चिन्हित किया है। CCTV की मदद से पुलिस ने उदयपुर जिले के राठौड़ों का गुड़ा गांव के रहने वाले पर्वत सिंह को संदिग्ध माना है। इस आरोपी के पास उसी तरह गाड़ी है, जो सीकर में शनिवार को हमलावर लेकर पहुंचे थे।
ये युवक भी आनंदपाल गैंग से जुड़ा हुआ है। लंबे समय से नागौर और सीकर क्षेत्र में आता जाता रहा है। वह आंनदपाल के भाई मंजीत के भी संपर्क में रहा है। सूत्रों के मुताबिक उसने कई बार मार्बल और माइनिंग व्यापारियों से उदयपुर में लॉरेंस विश्नोई के नाम पर फिरौती मांगी है। हालांकि फिरौती पर किसी थाने में मामला दर्ज नहीं हुआ है।
पुलिस ने पकड़ा तो फिर सीकर रहने लगा था
राजू ठेहट सीकर के बाद जयपुर में अपनी जड़ें मजबूत करना चाहता था। इसी मकसद से उसने जयपुर को अपना सुरक्षित ठिकाना बना लिया था।
इतना ही नहीं विवादित जमीनों और सट्टा कारोबारियों पर भी राजू ठेहट की नजरें थी। लेकिन महेश नगर थाना पुलिस ने शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसके बाद राजू ठेहट वापस सीकर शिफ्ट हो गया था।
सीकर बॉस के नाम से बुलाते थे
गैंगस्टर्स राजू ठेहट लग्जरी लाइफ जीने का शौकीन था। वह महंगी कार और बाइक पर काफिले के साथ घूमता था। गैंगस्टर राजू ठेहट को सीकर बॉस के नाम से बुलाया जाता था।
जयपुर जेल में बंद रहने के दौरान अपनी गैंग को बढ़ाने के मकसद से जयपुर में भी अपना ठिकाना बनाया। उसको जयपुर के स्वेज फार्म में जिस मकान से पकड़ा, उसकी कीमत 3 करोड़ रुपए बताई जा रही है ।
दरअसल,राजस्थान में गैंगस्टर्स आनंदपाल सिंह और राजू ठेहट में करीब दो दशक वर्चस्व की लड़ाई चली थी। आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद राजू ठेहट का वर्चस्व हो गया।
जेल में बंद होने के दौरान भी उसके फिरौती मांगकर संरक्षण देने के कई मामले सामने आए थे। राजू ठेहट गैंग (RTG) परिवार से लोग गैंगस्टर के साथ जुड़ रहे हैं।
रील बनाकर सोशल मीडिया पर डालता था
गैंगस्टर राजू ठेहट ने अपना वर्चस्व तो बना लिया। लोगों में सक्रिय रहने के लिए वह रील बनाकर सोशल मीडिया पर भी डालता रहता था। महंगी कार और बाइक का शौकीन राजू ठेहट जयपुर स्थित अपने ठिकाने पर कई बार घूमता नजर आ जाता था। कभी अकेले बाइक राइडिंग तो कभी नई लग्जरी कार राइड करते हुए भी ठेहट अक्सर वीडियो बनाकर सोशल मीडियो पर शेयर करता था। अपने गनमैन और कारों के काफिले के साथ भी वह रील्स बनाता था।
9 महीने पहले जयपुर में ठेहट के साथ उसके चार साथियों को भी पकड़ा था। इनमें उसके तीन गनमैन और एक रसोइया भी थे। करीब 3 महीने पहले जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद राजू ठेहट गैंग को बढ़ाने में लगा था।
राजनीति में उतरने की थी तैयारी
सोशल मीडिया पर सक्रिय राजू ठेहट की भरतपुर के जिला प्रमुख राजवीर, जयपुर के सांगानेर पंचायत समिति के ग्राम पंचायत पवालियां सरपंच रामराज चौधरी और चाकसू विधानसभा यूथ कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश चौधरी के साथ फोटो शेयर कर रखी थी। माना जा रहा है कि राजू ठेहट राजनीति में जल्द से जल्द सक्रिय होना चाहता था।
ऐसे में वह पहले से राजनीति में सक्रिय अपने परिचितों से संपर्क साध कर चर्चा करता रहता था। मीटिंग के दौरान शूट किए फोटो भी चर्चा में बने रहते थे। बदमाशों की टोली के साथ घूमने, खाने-पीने की फोटो भी राजू ठेहट शेयर करता था।
शेखावटी के बाद जयपुर में भी बनाया नया ठिकाना
राजस्थान का कुख्यात गैंगस्टर राजेन्द्र उर्फ राजू ठेहट ने शेखावटी के बाद जयपुर को अपना नया ठिकाना बनाया था। ठेहट ने जयपुर के महेश नगर स्थित स्वेज फार्म में BJP नेता (पूर्व विधायक) प्रेम सिंह बाजोर के मकान को ठिकाना बनाया था। सुरक्षा के लिए घर पर 30 से ज्यादा CCTV लगाए थे। 3 गनमैन भी साथ रहते थे।
इसी साल फरवरी में जयपुर के महेश नगर के घर में उसने गृह प्रवेश किया था। इससे पहले उसने कॉलोनी के गेट को गली के कोने से हटवाया था। इसी गेट को अपने ठिकाने के पास लगवाया है। यह गेट गैंगस्टर ठेहट के आने के बाद से ही लॉक कर दिया गया था। खास मेंबर की एंट्री के लिए ही यह गेट खोला जाता था। यहां पास ही पड़े खाली प्लॉट में गाड़ियां पार्क कराई जाती थीं।
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