acn18.com भानुप्रतापपुर /छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर विधानसभा में MLA की कुर्सी के लिए सुबह 8 बजे से काउंटिंग जारी है। 396 डाक मतपत्रों की गिनती के साथ EVM की काउंटिंग भी चल रही है। तीसरे राउंड की गिनती और शुरुआती रुझानों में कांग्रेस का दबदबा बरकरार है। सावित्री मंडावी 4596 वोटों से आगे चल रही हैं। दूसरे नंबर पर सर्व आदिवासी समाज के उम्मीदवार अकबर राम चल हैं उन्हें 1657 वोट मिले हैं। जबकि बीजेपी प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम को 1381 मत मिले हैं। पहले दूसरे और तीसरे राउंड की काउंटिंग में कांग्रेस को कुल 9592, आदिवासी समाज को 4996, भाजपा को 4359 वोट मिले हैं।
14 टेबल पर 256 EVM के लिए 19 राउंड में काउंटिंग होगी। सुबह सुरक्षाबलों के साथ मत पेटियां गिनती के लिए स्ट्रॉन्ग रूम के अंदर भेजी गई थी। स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती है।
विधानसभा उपचुनाव के लिए 256 पोलिंग बूथ में 5 दिसंबर को वोटिंग हुई थी। 8 दिसंबर को मतों की गणना हो रही है। जिस तरह से एग्जिट पोल सामने आए हैं उसमें यह नजर आ रहा है कि इस उपचुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच में जबरदस्त टक्कर होगी।
वहीं सर्व आदिवासी समाज से खड़े प्रत्याशी इन दोनों पार्टियों के जबरदस्त वोट काटेंगे। हालांकि, यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि हार-जीत का अंतर भी बेहद कम होगा। चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा आदिवासी आरक्षण है। भाजपा प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम पर कांग्रेस ने बलात्कार का आरोप लगाया है। भाजपा प्रत्याशी को चुनावी मैदान में हराने कांग्रेस ने बड़ा ट्रंप कार्ड खेला था। तो वहीं भाजपा ने आरक्षण को बड़ा मुद्दा बनाकर इस चुनावी मैदान में अपने लिए जीत का रास्ता क्लियर करने की कोशिश की। तो वहीं इन दोनों ही पार्टियों से खफा सर्व आदिवासी समाज ने अपना प्रत्याशी चुनावी मैदान में खड़ा किया।
पूर्व IPS अकबर राम कोर्राम। बस्तर पुलिस के DIG पद से रिटायर हुए अकबर राम कोर्राम को आदिवासी पसंद कर रहे हैं। आलम ये है कि इन्हें जिताने के लिए गांव-गांव कसमें खाई जा रही हैं कि लोग भाजपा और कांग्रेस का साथ न देकर इन्हें ही समर्थन देंगे। अकबर राम कोर्राम ने अपने अनोखे नाम की कहानी भी बताई और DIG से नेता बनने की वजह भी।
अकबर राम कोर्राम को सर्व आदिवासी समाज ने अपना प्रत्याशी बनाया है। इनसे पहले और भी लोगों को अलग-अलग गांवों में समाज ने भानुप्रतापपुर के चुनाव में उतारा, मगर बाकियों ने नाम वापस लिए थे। अकबर ने बताया था कि प्रदेश में आदिवासी आरक्षण की कटौती की गई। भाजपा और कांग्रेस दोनों दल इसके जिम्मेदार हैं। इसलिए अब समाज ने मुझे मैदान में उतारा है और संकल्प ले रहे हैं कि उन दलों का साथ न देकर अपने बीच के व्यक्ति काे विधानसभा पहुंचाना है।
30 हजार से ज्यादा वोटों से जीतेगी कांग्रेस
कांकेर विधायक शिशुपाल सोरी ने कहा कि, भूपेश बघेल की सरकार ने काम काज किए हैं और मनोज मंडवी ने अपना काम किया है। महिलाओं के दर्द को महिलाएं समझती हैं। तो हमें विश्वेस है कि हम जीतेंगे। उन्होंने दावा किया है कि, इस बार 30 हजार से ज्यादा वोट से कांग्रेस जीत दर्ज करेगी। शिशुपाल सोरी ने कहा कि आरक्षण का मुद्दा अचानक आया। क्योंकि ये मामला ताजा है। हमने अपनी बातें जनता के सामने रखी है। cm ने बैठक बुलाई थी। हमको यदि आरक्षण को बहाल करना है तो विधानसभा से पारित किया जाए और एक ऐसा एक्ट बने जिसमें सभी वर्गों के लिए काम हो।