एमसीबी से मनोज श्रीवास्तव: कोरिया जिले से अलग होकर मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर अलग जिला तो बन गया है लेकिन चिरमिरी जिला मुख्यालय नहीं बन सका। चिरमिरी को जिला मुख्यालय बनाने के लिए क्षेत्र के लेागों ने पूरे एक साल तक सघर्ष किया लेकिन उनकी मागो को दरकिनार कर दिया गया। यही वजह है,कि उद्घाटन वाले दिन लोगों का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा और वे आमरण अनशन पर बैठ गए हालांकि पुलिस ने उनका दमन किया और थाने ले आई जहां लोगों ने जमकर हंगामा किया।
कोरिया जिले का विभाजन कर मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर को नया जिला तो बना दिया गया है लेकिन सरकार का यह कदम चिरमिरी वासियों को रास नहीं आ रहा है। नए जिले की सौगात मिलने से मनेंद्रगढ़ वासी तो काफी खुश है लेकिन जिला मुख्यालय नए बनने से चिरमिरी के लोग काफी नीराश है। नए जिले की घोषणा होने के बाद से ही चिरमिरी को मुख्यालय बनाने की मांग को लेकर यहां के लोग पूरे एक वर्ष तक आंदोलन करते रहे बावजूद इसके उनकी मांगो को नजरअंदाज कर दिया गया है। यही वजह है,कि नए जिले के उद्घाटन के दिन व सीएम के आगमन के मद्देनजर चिरमिरी वासियों ने सीएम का पुरजोर विरोध करने की रणनीति बना रखी थी और आमरण अनशन पर बैठ गए थे। लेकिन पुलिस ने दमनकारी नीति अपनाते हुए अनशन को समाप्त किया और वैन में बिठाकर सीधे थाना ले आई। यहां भी लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान उन्होंने पुतला फूंका और सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त की। आंदोलनकारियों का कहना है,कि सरकार ने उनके साथ धोखा किया जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा।
चिरमिरी को जिला मुख्यालय बनाने की मांग को लेकर लोगों ने लंबा संघर्ष किया बावजूद इसके उनकी मांगो को पूरा नहीं किया गया। यही वजह है,कि लोगों को चिरमिरी को पूरी तरह से बंद कर अपना विरोध प्रगट किया और सरकार के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की। बहरहाल आगे क्या होता है यह देखने वाली बात होगी।