acn18.com असम । मां एक ऐसा शब्द है जिसे सुनकर हर बच्चे की सारी दुख तकलीफें यूंही कम हो जाती है। संसार में अपनी मां को खोने का दुख असहनीय होता है। इसमें चाहे इंसान हो या जानवर कोई भी अपनी मां को खोना नहीं चाहता है। असम के पश्चिमी क्षेत्र में लुप्तप्राय प्राइमेट के गोल्डन लंगूर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो को देखकर हर किसी की आंखे नम हो जाएगी। वीडियो में दो महीने का लंगूर हादसे में मृत पड़ी अपनी मां से लग कर खूब रो रहा है वह लगातार अपनी मां को जगाने की कोशिशें कर रहा है।
तेज रफ्तार ट्रक की चपेट में आने से गई मां की जान
पश्चिमी असम बोंगईगांव जिले के काकोइजान इलाके में गोल्डन मादा लंगूर(मां) और बच्चा भोजन की तलाश में राष्ट्रीय राजमार्ग पार कर रहे थे। इसी दौरान वहां ईट लेकर गुजर रहे एक ट्रक की टक्कर से बच्चे को लेकर जा रही एक मादा गोल्डेन लंगूर की मौत हो गयी। लंगूर का बच्चा उसकी बाहों से अभी भी चिपटा रहा और अपनी मां को उठाने की कोशिश कर रहा था। जब तक स्थानीय लोगों ने बच्चे को बचाया नहीं, तब तक वह उसे लगभग एक घंटे तक छोड़ने से इनकार कर रहा था। पिछले तीन दिनों में इस क्षेत्र में एक तेज रफ्तार वाहन के चलते गोल्डन लंगूर की यह दूसरी घटना है।
पेड़ काटने की वजह से सड़कों पर निकलते हैं लंगूर
गोल्डन लंगूर, एक लुप्तप्राय प्राइमेट यह पश्चिमी असम के एक छोटे से क्षेत्र और पड़ोसी भूटान की तलहटी में पाया जाता है। विशेषज्ञों ने बताया कि इस क्षेत्र से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के चार-लेन के लिए कई पेड़ काटे गए हैं। इसी कारण प्राइमेट्स को भोजन की तलाश में सड़क पार करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। गैर-सरकारी संगठन प्राइमेट रिसर्च सेंटर ने प्रशासन से आग्रह किया है कि वह संवेदनशील क्षेत्रों में आर्टिफिशयल कैनोपी पुल का निर्माण करें।
लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा के लिए की कदम उठाने की मांग
एनजीओ के संस्थापक जीहोसू बिस्वास ने कहा कि उन्हें कोकराझार के नायेकगांव इलाके में ऐसे कुछ आर्टिफिशयल कैनोपी पुल बनाने की अनुमति मिली है। इस क्षेत्र में दिल दहला देने वाली घटना ने राज्य में कई जानवरों के प्रेमियों के बीच एक भावनात्मक रोष पैदा किया है, जिसके बाद उन्होंने लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाने का आह्वान किया है। शिशु गोल्डन लंगूर को उसकी मृत मां को जगाने की कोशिश करते हुए देखना असहनीय था।
जानवरों की रक्षा हो सुनिश्चित
अधिकारियों को ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए। वन्यजीव फोटोग्राफर संजीब गोहेन बोरुआ ने कहा कि बार-बार पेड़ काटने से जानवरों को भोजन की तलाश में अपने आवास से बाहर निकलने के लिए मजबूर होना पड़ा है। पूर्व नौकरशाह ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए कि विकास कार्यों के दौरान जानवरों को उनके जीवन के लिए खतरा न हो।