ACN18.COM बिलासपुर। जिले में एक फिमेल मंकी (बंदरिया) एक छोटी बच्ची को अपना बच्चा समझकर उसके पास पहुंच गई। बंदरिया 5 घंटे तक मासूम को सीने से लगाकर खाट पर सोती रही। यह देखकर बच्ची की मां की सासें अटक गई। उसे डर था कि बंदरिया उसकी बच्ची को नुकसान न पहुंचा दें। बंदरिया को बच्ची से अलग करने कानन पेंडारी मिनी जू से रेस्क्यू टीम को बलाना पड़ा। रेस्क्यू टीम ने किसी तरह बंदरिया को मासूम से अलग किया और फिर उसे जंगल में छोड़ दिया। सूचना पर बड़ी संख्या में ग्रामीण भी घर पर पहुंच गए थे। अब इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।
दरअसल, यह मामला कोटा क्षेत्र के ग्राम खरगहना गांव का बताया जा रहा है। गांव जंगल से लगा हुआ है। लाल मुंह के बंदर बड़ी संख्या में रहते हैं। वन्य प्राणियों की गतिविधियां भी अक्सर गांव तक देखी जाती रही है। कल सुबह 8 बजे नरेंद्र कुमार उईके के घर एक बंदरिया पहुंच गई और खाट पर सो रही निधि के पास जाकर सो गई। 5 माह की बच्ची के साथ बंदर को सोता देख परिवार के लोग घबरा गए। निधि गहरी नींद में थी और एक लाल मुंह की बंदरिया बच्ची के सीने में हाथ को रखकर सो रही थी। बच्ची के बाजू में बंदरिया को देखकर उसकी मां श्यामा बाई डर गई। वह शोर मचाने लगी। बंदरिया को भगाने का प्रयास करने पर वह काटने को दौड़ाने लगी। एक घंटे के प्रयास के बाद भी बंदरिया नहीं भागी तो कानून पेंडारी मिनी जू को सूचना दी गई।
बंदरिया को पकड़ने उसे बच्ची को दिखाना पड़ा
ग्रामीण बंदरिया को भगाने का प्रयास करते रहे, लेकिन वह बच्ची को सीने से लगाकर खाट पर लेटी रही। मां डरी हुई थी कि कहीं बंदरिया बच्ची को उठाकर साथ न ले जाए या हमला न कर दें। दोपहर 12 बजे कानन पेंडारी मिनी जू की रेस्क्यू टीम पहुंची। टीम द्वारा जाल व अन्य सामान लाने पर बंदरिया बच्ची को छोड़कर अलग हो गई। बंदरिया के दूर होते ही निधि को उसकी मां लेकर घर अंदर चली गई। श्यामा ने कमरे का दरवाजा भी बंद कर दिया। रेस्क्यू टीम ने बंदरिया को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन वह इधर-उधर भागती रही। रेस्क्यू टीम ने श्यामा को बच्ची को साथ लेकर खिड़की के पास आने को कहा। बच्ची को देखकर बंदरिया खिड़की पर आकर बैठ गई, तब रेस्क्यू टीम ने जाल फेंका गया और बंदरिया को पकड़ लिया।
2 लोगों का काट चुकी, 3 दिनों से घूम रही थी
ग्रामीणों को अनुसार बंदरिया इस क्षेत्र में 2-3 दिनों से विचरण कर रही थी। वह 2 लोगों को काट भी चुकी है। मंगलवार की शाम को बंदरिया नरेंद्र के घर पर आकर बैठी हुई थी। ऐसा लगा कि थोड़ी देर बाद वह चली जाएगी, लेकिन वह रातभर नहीं गई। सुबह बच्ची को आंगन में खाट पर सुलाकर उसकी मां घर के कामों में व्यस्त हो गई, तभी बंदर घर में घुस गया और निधि के पास जाकर सो गया। ग्रामीणों का मानना है कि बंदरिया निधि को अपना बच्चा मान रही होगी। बंदरिया का बच्चे उससे बिछड़ गया होगा या फिर मौत हो गई होगी। वह अपने बच्चे को ढूंढ रही है।