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बोरर कीट प्रकोप का कहर: कांटे जाएंगे 900 साल वृक्ष.वृक्षों को भीतर से खोखला कर देते हैं कीड़े

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acn18.com कोरबा / बारिश के मौसम से ठीक पहले बोरर कीट प्रकोप वन मंडल कोरबा के बड़े हिस्से में अपने पैर पसार लिए हैं। मुख्य रूप से साल के वर्षों में इसकी उपस्थिति दर्ज हुई है। इसके कारण आसपास के वृक्षों पर खतरा मंडरा रहा है। तकनीकी जानकारी के आधार पर इस मामले में अगली कार्रवाई की जा रही है।

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वन मंडल कोरबा के बालको नगर वन परिक्षेत्र में साल के सैकड़ो वर्षों में इस प्रकार की समस्या मौजूदा सीजन में बनी हुई है। सफेद रंग के कीड़ों की पूरी श्रृंखला वृक्षों की टहनियों में फैली हुई है। काफी बड़े हिस्से में इसे बड़ी आसानी से देखा जा रहा है। ऐसे में दूसरे पेड़ों के सामने समस्याएं हो सकती हैं। वन मंडल अधिकारी अरविंद पीएम ने बताया कि मौजूदा समस्या को ध्यान में रखते हुए हमने 900 साल वर्षों को काटने के लिए अनुमति ली है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि आसपास में जो स्वस्थ पेड़ लगे हुए हैं उन्हें बचाया जा सके।

वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि बोरर कीट प्रकोप स्किरपोफेगा निवेला क्रैम्बिडे परिवार काएक कीट है । इसका वर्णन1794 में जोहान क्रिश्चियन फैब्रिसियस ने किया था। यह दक्षिणी एशिया में पश्चिम में भारतीय उपमहाद्वीप से लेकरपूर्व में दक्षिणी चीन , दक्षिण में न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया , न्यू कैलेडोनिया और फिजी तक पाया जाता है । कुछ स्रोतों ने इसे” गन्ने का शीर्ष छेदक नाम दिया है। हालाँकि यह गन्ने में नहीं पाया जाता है, क्योंकि वे स्किरपोफेगा एक्सट्रैप्टैलिस प्रजाति से भ्रमित हैं , जो गन्ने के शीर्ष में एक वास्तविक छेदक है। इन पतंगों के लिएएक और नया आम नाम व्हाइट राइस बोरर है। इस प्रकार की बीमारियों के समाधान के लिए लगातार वन वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं ताकि आने वाले समय में वृहद वन संपदा का संरक्षण किया जाना संभव सके

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