Acn18.com/कर्नाटक में भाजपा ने हार स्वीकार कर ली है। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि पूरे नतीजे आने के बाद हम समीक्षा करेंगे और लोकसभा चुनाव में दमदार वापसी करेंगे।
इलेक्शन कमीशन के मुताबिक, अब तक 14 सीटों के नतीजे सामने आ चुके हैं। कांग्रेस 10 सीटों पर जीती है और 126 पर आगे है यानी कुल 136 सीटें। भाजपा को 4 पर जीत मिली है और 60 सीटों पर आगे है यानी कुल 64 सीटें। जेडीएस एक सीट जीती है और 19 पर आगे है, कुल 20। अन्य 4 सीटों पर आगे चल रही हैं।
पार्टी को बहुमत मिलने के बाद कर्नाटक कांग्रेस चीफ डीके शिवकुमार रो पड़े। उन्होंने कहा, “मैंने राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी को जीत का आश्वासन दिया था। मैं भूल नहीं सकता जब सोनिया गांधी मुझसे जेल में मिलने आई थीं, तब मैंने पद पर रहने के बजाय जेल में रहना चुना, पार्टी को मुझ पर भरोसा था।”
कांग्रेस ने कल यानी रविवार को विधायक दल की बैठक बुलाई है। थोड़ी देर में राहुल गांधी भी दिल्ली में कांग्रेस के दफ्तर पहुंच सकते हैं।
- कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार कनकपुरा सीट पर जीत गए हैं। वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई शिगगांव से आगे चल रहे हैं।
- जेडीएस नेता कुमारस्वामी चन्नापटना सीट पर आगे चल रहे हैं। जगदीश शेट्टार अपनी परंपरागत सीट हुबली-धारवाड़ पर पीछे चल रहे हैं।
- सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र ने कहा- मेरे पिता को मुख्यमंत्री बनना चाहिए। उधर, यूथ कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास बोले, “जय बजरंगबली, तोड़ दी भ्रष्टाचार की नली।”
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राज्य में 38 साल से सत्ता रिपीट नहीं हुई
राज्य में 38 साल से सत्ता रिपीट नहीं हुई है। आखिरी बार 1985 में रामकृष्ण हेगड़े के नेतृत्व वाली जनता पार्टी ने सत्ता में रहते हुए चुनाव जीता था। वहीं, पिछले पांच चुनाव (1999, 2004, 2008, 2013 और 2018) में से सिर्फ दो बार (1999, 2013) सिंगल पार्टी को बहुमत मिला। भाजपा 2004, 2008, 2018 में सबसे बड़ी पार्टी बनी। उसने बाहरी सपोर्ट से सरकार बनाई।पहली बार 73.19% मतदान, पिछले चुनाव से 1% ज्यादा
10 मई को 224 सीटों के लिए 2,615 उम्मीदवारों के लिए 5.13 करोड़ मतदाताओं ने वोट डाले। चुनाव आयोग के मुताबिक, कर्नाटक में 73.19% मतदान हुआ है। यह 1957 के बाद राज्य के चुनावी इतिहास में सबसे ज्यादा है। -
एग्जिट पोल भी क्लियर नहीं… जानें किसको कितनी सीटें मिलीं
पोल ऑफ पोल्स के मुताबिक, भाजपा 91, कांग्रेस 108, JDS 22 और अन्य को 3 सीट मिलने का अनुमान है।
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कई बड़े चेहरों की किस्मत दांव पर, इनमें 4 सीएम फेस भी
इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के कई बड़े चेहरों का राजनीतिक भविष्य दांव पर लगा है। कांग्रेस के सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार, भाजपा के बसवराज बोम्मई प्रमुख फेस हैं। अगर इनकी पार्टी चुनाव जीतती है तो ये सीएम हो सकते हैं।वहीं, भाजपा से येदियुरप्पा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए भी यह बेहद अहम चुनाव है। खड़गे का कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर टेस्ट है। अगर वे कांग्रेस की सरकार बना ले जाते हैं तो पार्टी में उनका कद बढ़ जाएगा। वहीं, येदियुरप्पा पर भाजपा ने पीएम मोदी के बाद सबसे ज्यादा भरोसा किया है।
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2018 में भाजपा को बहुमत नहीं… फिर भी सरकार बनाई
2018 में भाजपा ने 104, कांग्रेस ने 78 और JDS ने 37 सीटें जीती थीं। किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। भाजपा से येदियुरप्पा ने 17 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन सदन में बहुमत साबित न कर पाने की वजह से 23 मई को इस्तीफा दे दिया। इसके बाद कांग्रेस-JDS की गठबंधन सरकार बनी।
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14 महीने बाद कर्नाटक की सियासत ने फिर करवट ली। कांग्रेस और JDS के कुछ विधायकों की बगावत के बाद कुमारस्वामी को कुर्सी छोड़नी पड़ी। इन बागियों को येदियुरप्पा ने भाजपा में मिलाया और 26 जुलाई 2019 को 119 विधायकों के समर्थन के साथ वे फिर मुख्यमंत्री बने, लेकिन 2 साल बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। भाजपा ने बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया।