spot_img

छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा रावण:53 सालों से विशाल दशानन बनाते आ रहे हैं लुंबा, भक्ति मानकर नहीं लेते एक भी रुपए

Must Read

acn18.com रायपुर / छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में प्रदेश का सबसे बड़ा रावण का पुतला बनाया जाता है। लाखों लोगों की मौजूदगी में भव्य कार्यक्रम के बीच रावण दहन होता है । असत्य पर सत्य की जीत का नजारा जनता देखती है। जय जय श्रीराम के नारे लगाकर लोग दशहरा का पर्व मनाते हैं । पिछले 53 सालों से इस त्यौहार की भव्यता एक शख्स के कंधों पर टिकी है। नाम है राजपाल लुंबा, यही वह शख्स है जो छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा रावण पुतला बनाते हैं। इस स्पेशल रिपोर्ट में पढ़िए राजपाल लुंबा की कहानी।

- Advertisement -

79 साल के लुंबा बंगाल में जन्मे। रेलवे में नौकरी लगी तो छत्तीसगढ़ पोस्टिंग मिली। छत्तीसगढ़ आए तो फिर यहीं के होकर रह गए। लुंबा खुद को जितना बंगाली मानते हैं उतना ही छत्तीसगढ़िया भी। युवा थे तो रेलवे की कॉलोनी में होने वाले दशहरा उत्सव में दोस्तों की टीम के साथ रावण का पुतला बनाया करते थे। देखते ही देखते जुनून कला में बदल गया और अब इस साल 111 फीट का दशानन बनाया है।

इस बार कुंभकर्ण को भैंसे का रूप दिया गया है।
इस बार कुंभकर्ण को भैंसे का रूप दिया गया है।

राम के असर से बनाने लगे रावण
लुंबा बताते हैं कि बचपन में पड़ोस में रहने वाले तेलुगु परिवार में रावण का पुतला बनाते उन्होंने देखा था । रायपुर में ही कई रामलीलाएं देखी, राम कथाएं सुनी तब से दशहरा का त्यौहार लुंबा का फेवरेट त्यौहार बन गया। वह एक वॉलिंटियर की तरह इसके आयोजनों में भाग लेने लगे। साल 1970 में रायपुर की रेलवे कॉलोनी नेशनल क्लब बनाया गया, पहली बार 30 फीट का रावण तैयार किया गया । 1974 के बाद नेशनल क्लब के दशहरा आयोजन ने बड़ा रूप ले लिया और तबसे भव्य दशहरा कार्यक्रम में लुंबा और नेशनल क्लब के सदस्य ही रावण तैयार करते हैं।

रथ भी होगा दशहरा कार्यक्रम में इस्तेमाल।
रथ भी होगा दशहरा कार्यक्रम में इस्तेमाल।

10-15 सालों में WRS कॉलोनी में होने वाला सार्वजनिक दशहरा उत्सव बड़े स्वरूप में मनाया जाने लगा । राजपाल लुंबा ने तब 100 फीट के रावण तैयार किए। कुछ सालों में रावण का कद 101 फीट 105 फीट 110 फीट और अब 111 फिट हो चुका है। पुराने दिनों को याद करते हुए लुंबा बताते हैं कि शुरुआती दिनों में रेलवे कॉलोनी के घरों से कागज, पेंट, कपड़े रावण का पुतला बनाने की चीजें इकट्ठा की जाती थीं। अब तो बड़े स्तर पर काम होता है। अलग अलग सामाजिक संगठन भी सहयोग करते हैं, सरकार से भी मदद मिलती है।

इसी तरह शिद्दत से तैयार करते हैं रावण।
इसी तरह शिद्दत से तैयार करते हैं रावण।

पैसे नहीं लेते राजपाल लुंबा
विशाल दशानन तैयार करने में कई दिनों की मेहनत लगती है। इतना कुछ कर के राजपाल लुंबा को क्या मिलता है यह पूछे जाने पर उन्होंने जवाब दिया- मैं यह काम पैसों के लिए नहीं करता, ना ही इसके मेहनताने के तौर पर एक भी रुपया लेता हूं । रावण बहुत विद्वान थे, मैं उनके ज्ञान और भक्ति की गुणों से प्रभावित हूं । भगवान श्रीराम का यह आयोजन सफलतापूर्वक हो भव्य तरीके से हो यह मेरी तपस्या है इसी भाव से रावण का पुतला हम तैयार करते हैं कोई पैसा नहीं लेते । लुंबा बताते हैं कि रेलवे में नौकरी करता था मुझे पेंशन मिलती है । मेरे बारे में कुछ लोग अफवाह भी उड़ा चुके हैं कि मैं इस काम के लाखों रुपए लेता हूं जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है।

पूजा के बाद शुरू होता है रावण बनाने का काम।
पूजा के बाद शुरू होता है रावण बनाने का काम।

यहां पहले होती है रावण की पूजा
WRS कॉलोनी के मैदान में होने वाले दशहरा उत्सव में तैयारी के करीब 45 दिन पहले से ही शुरू हो जाती है। मिट्टी का सांचा तैयार कर रावण का चेहरा बनाया जाता है। यहां आयोजन स्थल पर भूमि पूजन होता है मिट्टी की पूजा होती है । रावण भी यहां पहले पूजे जाते हैं उसके बाद ही रावण का दहन होता है । राजपाल लुंबा और आयोजन समिति के महापौर एजाज ढेबर, विधायक कुलदीप जुनेजा आयोजन समिति के सचिव राधेश्याम विभाग भी पूजा में शामिल होते हैं।

बच्चों और युवाओं की टोली भी इसका में जुटती है।
बच्चों और युवाओं की टोली भी इसका में जुटती है।

युवाओं को भी सिखा रहे लुंबा
विशाल रावण तैयार करने की कला को लुंबा रेलवे कॉलोनी के युवा साथियों को सिखा रहे हैं। 30 से अधिक वॉलिंटियर्स की टीम 30 दिनों तक हर रोज मेहनत करती है तब जाकर विशाल रावण मेघनाद और कुंभकरण के यह पुतले तैयार होते हैं।

विशाल पुतले मैदान में।
विशाल पुतले मैदान में।

2 टन कागज 1500 बांस का उपयोग
लुंबा ने बताया कि नगर निगम, सामाजिक संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों के सहयोग से रावण मेघनाद और कुंभकरण के पुतले तैयार होते हैं । इसमें 2 टन कागज, पंद्रह सौ से ज्यादा बांस लगाए गए हैं। हजारों मीटर कपड़े का इस्तेमाल हुआ है । कलर, पेंट , 100 किलो आटा जिससे कागज को चिपकाया जाता है यह सब कुछ इस्तेमाल होता है रावण के पुतले तैयार करने में।

कला के नाम किया जीवन समर्पित
राजपाल लुंबा को बेसब्री से दशहरा पर्व का इंतजार रहता है। हर साल वह रावण का पुतला बनाते हैं । लुंबा बताते हैं कि वह आने वाली जिंदगी भी इसी काम में बिताना चाहते हैं, उन्हें इस काम में खूब मन लगता है । ऐसा लगता है जैसे वह भगवान राम की सेवा कर पा रहे हैं ।

बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर 5 की मौत,:एंबुलेंस घायलों को ले जा रही थी, कार ने सड़क पर खड़े 17 लोगों को रौंदा

377FansLike
57FollowersFollow
377FansLike
57FollowersFollow
Latest News

भूपेश के सलाहकार के दामाद को टिकट देना कांग्रेस को भारी पड़ा

acn18.com/ रायपुर। रायपुर दक्षिण विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक जीत पर सीएम विष्णुदेव साय ने कहा, इस...

More Articles Like This

- Advertisement -