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सिंगर शणमुख प्रिया के भजनों ने बांधा समां:राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में गाए एक-से-बढ़कर एक भजन, माहौल हुआ भक्तिमय

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Acn18.com/छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में 3 दिवसीय राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। 1 जून को महोत्सव के पहले दिन इंडियन आइडल फेम सिंगर शणमुख प्रिया ने एक-से-बढ़कर एक भजन गाकर माहौल को भक्तिमय कर दिया। उनके भजनों पर लोग झूमने लगे।

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1 जून को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रीय रामायण महोत्सव की शुरुआत की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, भांचा राम सबके हैं। राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में 12 राज्यों के अलावा विदेशों से भी कलाकार पहुंचे हैं। गुरुवार को यहां जानी-मानी सिंगर शणमुख प्रिया भी अपनी प्रस्तुति देने के लिए पहुंचीं। उन्होंने जय जोहार और छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया के साथ लोगों का अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि मैं पहली बार छत्तीसगढ़ आई हूं, मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।

सिंगर शणमुख प्रिया ने मीरा बाई के प्रसिद्ध भजन ‘पायो जी मैंने राम रतन धन पायो’ की सुंदर प्रस्तुति के साथ समां बांध दिया। उन्होंने ‘देवा श्री गणेशा’ गाने के साथ अपनी प्रस्तुति की शुरुआत की। उन्हें सुनने के लिए रामलीला मैदान में दर्शकों की भीड़ उमड़ पड़ी। भक्तिमय माहौल में लोग झूमते हुए नजर आए।

राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में देश-विदेश से आए हैं कलाकार

राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में केरल, कर्नाटक, ओडिशा, असम, गोवा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के रामायण दल शामिल हो रहे हैं। रामलीला मैदान में 3 दिन तक रामकथा होगी। अंतिम दिन कुमार विश्वास अपनी प्रस्तुति देंगे।

इसके अलावा विदेशी कलाकार भी यहां पहुंचे हुए हैं। पहले दिन 1 जून को सबसे पहले इंडोनेशिया के दल ने विदेशों में रामकथा के स्वरूप को दर्शाया। इसके बाद 21 सदस्यीय असम के दल ने अपनी प्रस्तुति दी। गोवा से पहुंचे कलाकारों ने मार्च पास्ट में हिस्सा लिया।

झारखंड से आए 25 सदस्यीय दल ने अपने पारंपरिक वाद्ययंत्र और वेशभूषा में मार्च पास्ट किया। उन्होंने विशेष तरह के मुखौटे भी पहने।केरल से 12 सदस्यीय दल, पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश का 25 सदस्यीय दल, कर्नाटक और महाराष्ट्र से आए 18 सदस्यीय कलाकारों के दल ने मार्च पास्ट में अद्भुत प्रस्तुति दी।

ऐसी प्रस्तुति भी दी गई, जहां भगवान श्रीराम भी भाई लक्ष्मण को अंतिम समय में रावण से ज्ञान प्राप्त करने भेजते हैं, ताकि रावण मृत्यु के वक्त अपना ज्ञान लक्ष्मण को दे सके। इस महोत्सव में 12 राज्यों के 270 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं और प्रदेश के 70 कलाकारों के साथ ही विदेशों से आए 27 कलाकार शामिल हैं।

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