Acn18.com/रायगढ़ जिले के रामलीला मैदान में आयोजित 3 दिवसीय राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के दूसरे दिन जाने-माने भजन गायक हंसराज रघुवंशी और लखबीर सिंह ने समां बांध दिया। उन्होंने एक-से-बढ़कर एक भजन गाए, जिस पर लोग झूमते हुए नजर आए। पूरा कार्यक्रम स्थल प्रभु श्रीराम के नाम से गुंजायमान हो गया।
भजन गायक हंसराज रघुवंशी और लखबीर सिंह को सुनने के लिए शुक्रवार को भारी संख्या में लोग आए हुए थे। दोनों गायकों ने अपने भजनों से माहौल भक्तिमय कर दिया। कार्यक्रम स्थल पर जय श्रीराम के नाम का जयकारा लगता रहा। भजन गायक लखबीर सिंह ने लोगों से कहा कि प्रभु श्रीराम सबको साथ लेकर चले, आप भी मेरा साथ दें और प्रभु श्रीराम का नाम लें, जिसके बाद कार्यक्रम स्थल पर भगवान राम का नाम गूंजता रहा।
लखबीर सिंह के कार्यक्रम की मनमोहक प्रस्तुति के बाद देश के जाने-माने भजन गायक हंसराज रघुवंशी ने भी अपनी शानदार प्रस्तुति दी। हंसराज रघुवंशी के मधुर भजनों ने लोगों के मन मोह लिया और सभी को अपनी-अपनी जगहों पर बांधे रखा। ‘मेरा भोला है भंडारी’ भजन पर लोग झूमने लगे। इस कार्यक्रम के दौरान संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने लखबीर सिंह और बाबा हंसराज रघुवंशी को रामचरित मानस ग्रंथ की प्रति के अलावा राजकीय गमछा भेंट कर उनका सम्मान किया।
राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में देश-विदेश से आए हैं कलाकार
राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में केरल, कर्नाटक, ओडिशा, असम, गोवा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के रामायण दल शामिल हुए हैं। रामलीला मैदान में 3 दिन तक रामकथा हो रही है। 3 जून शनिवार को अंतिम दिन जाने-माने कवि कुमार विश्वास और भजन गायिका मैथिली ठाकुर अपनी प्रस्तुति देंगी।
इसके अलावा विदेशी कलाकार भी यहां पहुंचे हुए हैं। पहले दिन 1 जून को सबसे पहले इंडोनेशिया के दल ने विदेशों में रामकथा के स्वरूप को दर्शाया। इसके बाद 21 सदस्यीय असम के दल ने अपनी प्रस्तुति दी। गोवा से पहुंचे कलाकारों ने मार्च पास्ट में हिस्सा लिया। झारखंड से आए 25 सदस्यीय दल ने अपने पारंपरिक वाद्ययंत्र और वेशभूषा में मार्च पास्ट किया। उन्होंने विशेष तरह के मुखौटे भी पहने।केरल से 12 सदस्यीय दल, पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश का 25 सदस्यीय दल, कर्नाटक और महाराष्ट्र से आए 18 सदस्यीय कलाकारों के दल ने मार्च पास्ट में अद्भुत प्रस्तुति दी।
1 जून को ऐसी प्रस्तुति भी दी गई थी, जहां भगवान श्रीराम भी भाई लक्ष्मण को अंतिम समय में रावण से ज्ञान प्राप्त करने भेजते हैं, ताकि रावण मृत्यु के वक्त अपना ज्ञान लक्ष्मण को दे सके। इस महोत्सव में 12 राज्यों के 270 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं और प्रदेश के 70 कलाकारों के साथ ही विदेशों से आए 27 कलाकार शामिल हैं।