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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं बनीं महात्मा गांधी:राष्ट्रपिता के वेश में शहर में निकाली दांडी यात्रा, राज्य सरकार पर लगाए मांगों को अनसुना करने के आरोप

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acn18.com राजनांदगांव/ राजनांदगांव जिले में भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का 6 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना जारी है। 28 जनवरी से शुरू हुआ अनिश्चितकालीन धरना शनिवार 25 फरवरी को भी कलेक्ट्रेट के सामने बने फ्लाईओवर के नीचे जारी है। शुक्रवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने यहां अनोखा प्रदर्शन करते हुए महात्मा गांधी का वेश धरा।

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शुक्रवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने राष्ट्रपति का वेश धारण करते हुए शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए दांडी यात्रा की तर्ज पर पदयात्रा निकाली। उन्होंने प्रदेश सरकार से अपनी मांगों पर ध्यान देने और उन्हें जल्द से जल्द पूरा करने की अपील की। प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने राज्य सरकार के खिलाफ लगाए जमकर नारे।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने राज्य सरकार के खिलाफ लगाए जमकर नारे।

मांगें पूरी नहीं होने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने अलग-अलग तरीकों से प्रतिदिन प्रदर्शन करने की बात कही है। बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं-सहायिकाएं फ्लाईओवर के नीचे चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल में शामिल हैं, जिससे आंगनबाड़ियों का कामकाज प्रभावित हो गया है। इससे बच्चों और महिलाओं को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का अनोखा प्रदर्शन।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का अनोखा प्रदर्शन।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की मांगें

  • आंगनबाड़ी सहायिकाओं-कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर पद पर शत-प्रतिशत पदोन्नति दिया जाए एवं विभागीय सेवा भर्ती नियम में संशोधन किया जाए।
  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्राइमरी स्कूलों में प्राइमरी शिक्षक का दर्जा दिया जाए।
  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 5लाख रुपए एवं सहायिकाओं को 3 लाख रुपये रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त राशि दी जाए और मासिक पेंशन, ग्रेच्यूटी और समूह बीमा योजना लागू किया जाए।
  • प्रदेश स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के रिक्त पदों को तत्काल भरा जाए और पोषण ट्रैक और अन्य कार्य के लिए जब तक मोबाइल, नेट चार्ज नहीं दिया जाता है, तब तक मोबाइल पर काम का दबाव नहीं बनाया जाए।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने निकाली पदयात्रा।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने निकाली पदयात्रा।

धरने पर बैठी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का कहना है कि सरकार के निर्देश पर हम छत्तीसगढ़ को कुपोषण मुक्त बनाने, कोविड-19 के दौरान ड्यूटी, जनगणना, मतदाता सूची बनाने जैसे हर काम को जिम्मेदारी पूर्वक निभाया है, लेकिन मुख्यमंत्री और और समाज कल्याण मंत्री ने हमारी मांगों पर अब तक कोई भी निर्णय नहीं लिया है।

28 जनवरी से अनिश्चितकालीन धरने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं एवं सहायिकाएं।
28 जनवरी से अनिश्चितकालीन धरने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं एवं सहायिकाएं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वादा किया था कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय और सेवा शर्तें अच्छी होंगी, जिसका जिक्र जनघोषणा पत्र 2018 में भी किया गया था, लेकिन वो वादा अब तक पूरा नहीं किया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नर्सरी शिक्षक पर उन्नयन किए जाने का वादा भी किया गया था, जो पूरा नहीं किया गया।

राज्य सरकार पर लगाए आरोप

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि राज्य सरकार उनकी मांगों को लगातार अनसुना कर रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव के पहले कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं का वेतन कलेक्टर दर पर किए जाने की घोषणा की थी, जिसे अब तक पूरा नहीं किया गया है। इसके अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्राइमरी टीचर का दर्जा देने का भी वादा किया गया था। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि रिटायरमेंट के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 5 लाख और सहायिकाओं को 3 लाख रुपए एकमुश्त दिए जाएं।

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