acn18.com कोरबा/ भारत सरकार की प्राथमिकता के अंतर्गत आंगनबाड़ी एक सरकारी कार्यक्रम है जो छोटे बच्चों की देखभाल करने के लिए बनाया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास की देखभाल करना है।
आंगनबाड़ी केंद्र शिशुओं को पोषण सहित उचित आहार, खेल-कूद, अधिकृत शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते है। इन सभी सेवाओं को क्रियान्वित करने के लिए यूनिट स्तर पर पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है और संसाधन भी। इन सबके मौजूद कोरबा जिले में अनेक आंगनबाड़ी केंद्र ऐसे हैं जो सही परिणाम नहीं दे पा रहे हैं। सच्चाई जानने के लिए हमने नगर पालिका निगम के वार्ड संख्या 9 विधायक खुर्द के अंतर्गत संचालित एक आंगनबाड़ी केंद्र का जायजा लिया। यहां बच्चों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं मिली। सहायिका खाना बनाने की तैयारी में जुटी हुई थी। पूछताछ करने पर उसने बताया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एक सप्ताह पहले यहां पहुंची थी।इसके केंद्र में पढ़ने वाले एक बच्चे की माता से भी हमारी मुलाकात हुई। उन्होंने भी इस बात की पुष्टि कैमरे के सामने की है कि कार्यकर्ता सावित्री कुर्रे सप्ताह में अधिकतम एक दिन ही यहां पर पहुंचती है।
कुदरीखार आंगनबाड़ी केंद्र भी बहुत अच्छी स्थिति में नही है। यहां पर हमें गिनती के बच्चे मिले। जबकि कार्यकर्ता ने दर्ज संख्या पर्याप्त होने की जानकारी दी। काफी ना नुकुर करने के बाद उन्होंने बताया कि थोड़ी देर के बाद सहायिका को भेज कर बच्चों को लाने की कोशिश की जाएगी।
अपनी कई मांगों को लेकर वर्ष 2023 में काफी दिन तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संगठन के द्वारा हड़ताल की गई और केदो में सेवाओं को बाधित किया गया। जिसके बाद राज्य सरकार ने दोनों के मानदेय में पर्याप्त बढ़ोतरी करने का काम किया। इतना सब कुछ होने के बाद भी आंगनबाड़ियों में कामकाज का स्तर बहुत अच्छा नहीं हो सका है जो चिंता जनक है