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AAP सांसद संजय सिंह मानसून सत्र से सस्पेंड:राज्यसभा में मणिपुर मुद्दे पर सभापति से बहस कर रहे थे; दोनों सदन 2 बजे तक स्थगित

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Acn18.com/संसद के मानसून सत्र का आज तीसरा दिन है। दोनों सदनों की कार्यवाही को 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया है। राज्यसभा में मणिपुर मुद्दे पर सभापति जगदीप धनखड़ से बहस कर रहे AAP सांसद संजय सिंह को बाकी मानसून सत्र से सस्पेंड कर दिया गया है।

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राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल संजय सिंह को सस्पेंड करने का प्रस्ताव लेकर आए। यह प्रस्ताव ध्वनि मत से पास हो गया, जिसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने संजय सिंह के खिलाफ कार्रवाई की।

संसद के दोनों सदनों में विपक्षी सांसदों ने मणिपुर मुद्दे पर जमकर नारेबाजी की। उन्होंने मांग उठाई कि प्रधानमंत्री मोदी संसद के दोनों सदनों में मणिपुर मामले पर बयान दें। वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम संसद में चर्चा करने के लिए तैयार हैं।

सभापति और TMC सांसद के बीच भी हुई बहस
राज्यसभा में मणिपुर मुद्दे पर चर्चा को लेकर सभापति जगदीप धनखड़ और TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन के बीच भी बहस हो गई। धनखड़ ने कहा कि आप सभापति को चुनौती दे रहे हो। इसके बाद सदन में हंगामा होने लगा तो धनखड़ ने राज्यसभा को स्थगित कर दिया।

मानसून सत्र के तीसरे दिन मणिपुर मुद्दे पर नेताओं के बयान…

  • AAP सांसद राघव चड्ढा ने कहा- देश की मांग है सरकार और PM मोदी को मणिपुर के मुद्दे पर बोलना चाहिए। देश में शांति बहाल करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। राज्यसभा के सभापति को हमें मणिपुर मुद्दे पर चर्चा करने की अनुमति देनी चाहिए।
  • कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा- मणिपुर की दूसरे राज्यों से तुलना करना सही नहीं है। मणिपुर में जातीय विभाजन है। वहां पिछले 77-78 दिनों से हिंसा हो रही है।
  • कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा- प्रधानमंत्री मोदी संसद के सदस्य हैं और इसके प्रति जवाबदेह हैं। जो बयान उन्होंने प्रेस को दिया, वही बयान वे संसद के अंदर भी दे सकते हैं। उसके बाद मुद्दे पर चर्चा शुरू हो जाएगी।
  • कुछ समुदायों को ST में शामिल करने के लिए बिल पेश होगा

    ट्राइबल अफेयर्स मिनिस्टर अर्जुन मुंडा हिमाचल प्रदेश में अनुसूचित जनजातियों की सूची में कुछ समुदायों को शामिल करने के लिए संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक, 2022 राज्यसभा में पेश करेंगे। यह विधेयक पिछले साल लोकसभा द्वारा पारित किया गया था।

    केंद्र सरकार मानसून सत्र में 31 बिल लाएगी, सत्र में 17 बैठकें होंगी
    मानसून सत्र 11 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान 17 बैठकें होंगी। केंद्र सरकार मानसून सत्र में 31 बिल ला रही है। इनमें 21 नए बिल हैं वहीं 10 बिल पहले संसद में किसी एक सदन में पेश हो चुके हैं। उन पर चर्चा होगी। सबसे ज्यादा चर्चित बिल दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ा अध्यादेश है।

  • तीन चर्चित बिल जो इस सेशन में पेश होने हैं…

    1. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023
    केंद्र सरकार ने 19 मई को दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर, पोस्टिंग और विजिलेंस से जुड़े अधिकारों को लेकर एक अध्यादेश जारी किया था। इसके जरिए केंद्र सरकार नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी का गठन करेगी। इस अथॉरिटी में दिल्ली CM, मुख्य सचिव और प्रधान गृह सचिव होंगे।

    विपक्ष का रुख: दिल्ली को लेकर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ विपक्ष एकजुट हो गया है। कांग्रेस ने 16 जुलाई को AAP को समर्थन देने की बात कही। वहीं केजरीवाल को बंगाल CM ममता बनर्जी, शरद पवार, केसीआर और उद्वव ठाकरे का साथ पहले ही मिल चुका है। 18 जुलाई को बेंगलुरु में 26 पार्टियों की विपक्षी एकता बैठक भी हुई थी।

    मायने: अध्यादेश के मुताबिक, दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का आखिरी फैसला उपराज्यपाल यानी LG का होगा। इसमें मुख्यमंत्री का कोई अधिकार नहीं होगा।

    2. डिजिटल पसर्नल डेटा प्रोटेक्शन बिल, 2023
    इस बार के मानसून सेशन में डिजिटल पसर्नल डेटा प्रोटेक्शन बिल, 2023 भी पेश किया जाएगा। हालांकि, इससे पहले अगस्त 2022 में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल तैयार किया गया था, लेकिन IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव द्वारा वापस ले लिया गया था। IT मंत्रालय ने बिल को नए सिरे से तैयार किया, इस बार उसे डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) बिल नाम दिया।

    विपक्ष का रुख: इस साल 12 जून को कोविन ऐप पर डेटा लीक की खबर आई थी। जिसको लेकर विपक्षी नेताओं ने काफी हंगामा किया था। हालांकि, सरकार ने डेटा लीक के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। डिजिटल पसर्नल डेटा प्रोटेक्शन बिल पर विपक्ष का रुख क्या रहता है, यह सदन की कार्यवाही के दौरान पता चलेगा।

    मायने: इस बिल के तहत टेलिकॉम कंपनियों से लेकर सोशल मीडिया व अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कंपनियों पर यूजर का डेटा लीक करना प्रतिबंधित हो जाएगा। नियमों का उल्लंघन करने पर 250 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। इसका मकसद देश के नागरिकों की निजी डेटा की सुरक्षा करना है।

    3. जन विश्वास (प्रावधान संशोधन) विधेयक, 2023
    मानसून सत्र में एक और बिल पास किया जाने वाला है। इसका नाम जन विश्वास (प्रावधान संशोधन) विधेयक, 2023 है। 13 जुलाई को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस बिल को मंजूरी भी दे दी गई।22 दिसंबर 2022 को ये बिल लोकसभा में इंट्रोड्यूस किया गया था, अभी पास होना बाकी है।

    विपक्ष का रुख: विपक्ष की तरफ से अभी जन विश्वास (प्रावधान संशोधन) विधेयक, 2023 पर कुछ टिप्पणी नहीं की गई है।

    मायने: सिटिजन्स के डेली रूटीन को आसान बनाने के लिए 42 अधिनियमों के 183 प्रावधानों को या तो खत्म कर दिया जाएगा या उनमें संशोधन कर छोटी-मोटी गड़बड़ियों को अपराध की कैटेगरी से हटा दिया जाएगा। इनमें जेल की सजा से जुड़े कई प्रावधान शामिल हैं। इन संशोधनों को लागू किए जाने से मुकदमों का बोझ घटेगा।

    अब जानिए वो 10 बिल जो पहले पेश हो चुके, मानसून सेशन में चर्चा होगी
    बायोलॉजिकल डाइवर्सिटी (संसोधन) बिल 2022, जन विश्वास (संसोधन) बिल-2023, मल्टी स्टेट कॉपरेटिव सोसाइटीज (संसोधन) बिल 2022, डीएनए टेक्नोलॉजी रेगुलेशन बिल 2019, रिपीलिंग एंड एमेंडमेंट बिल 2022, फॉरेस्ट कंजर्वेशन एमेंडमेंट बिल, 2023, मीडिएशन बिल 2021, सिनेमेटोग्रॉफ संसोधन बिल 2019, संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश (तीसरा संशोधन) बिल 2022, संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश (चौथा संशोधन) बिल 2022

    21 बिल जो इस सेशन में पेश किए जाएंगे…

  • विपक्ष के वो 4 मुद्दे जिन पर सरकार को घेरने की तैयारी…

    1. दिल्ली पर केंद्र सरकार का अध्यादेश
    दिल्ली पर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल के साथ पूरा विपक्ष लामबंद हो गया है। केजरीवाल का कहना है, दिल्ली का अध्यादेश एक प्रयोग है। बाद में इसे बाकी राज्यों में लागू किया जाएगा। वह दिन दूर नहीं, जब पीएम 33 राज्यपालों और LG के माध्यम से सभी राज्य सरकारें चलाएंगे। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इसे लोकतंत्र पर हमला बता चुके हैं। ऐसे में सभी विपक्षी दल एक सुर में इस अध्यादेश का विरोध करेंगे।​

  • 2. मणिपुर हिंसा पर सवाल
    मणिपुर में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर हिंसक झड़प हो रही है। 77 दिन से जारी हिंसा पर कांग्रेस काफी समय से सरकार को घेरने में लगी है। जयराम रमेश ने 14 जुलाई तो राहुल गांधी ने 15 जुलाई को PM की चुप्पी पर निशाना साधा था।

    सत्र शुरू होने के एक दिन पहले दो महिलाओं के बिना कपड़ों के सड़क पर घुमाने की घटना का वीडियो वायरल हुआ। इस पर पहले और दूसरे दिन हंगामा भी हुआ है।

  • 3. यूनिफॉर्म सिविल कोड
    केंद्र ने मानसून सेशन में लाए जा रहे अपने 31 विधेयकों में भले ही यूनिफॉर्म सिविल कोड को शामिल नहीं किया हो। मगर यह चर्चा का विषय जरूर है। नरेंद्र मोदी ने 27 जून को मध्य प्रदेश में एक जनसभा के दौरान यूनिफॉर्म सिविल कोड का मुद्दा उठाया था। पीएम ने कहा था कि एक घर में दो कानून नहीं चल सकते। जिसके बाद से विपक्ष के लिए यह बड़ा मुद्दा बना हुआ है।

    4. राहुल गांधी की सांसदी जाने का मुद्दा
    मोदी सरनेम केस में 24 मार्च को राहुल की सांसदी चली गई थी। ऐसे में वह संसद सदस्य नहीं होने के कारण मानसून सत्र में बैठ नहीं पाएंगे। पिछले बजट सेशन के बीच में राहुल की सदस्यता गई थी जिसको लेकर कांग्रेस ने सदन में काफी हंगामा किया था।

    हाल ही में 7 जुलाई को गुजरात हाई कोर्ट ने भी राहुल की सजा कम करने से इनकार कर दिया। इस पर सुप्रीम कोर्ट में 4 अगस्त को सुनवाई होनी है। ऐसे में कांग्रेस मानसून सेशन में इसको बहस का मुद्दा बनाएगी।

    पांच राज्यों में चुनाव से पहले संसद में हंगामे के आसार
    संसद का इस बार का मानसून सत्र काफी अहम है। अगले कुछ महीनों में देश के पांच राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल इस साल दिसंबर और अगले साल जनवरी में खत्म हो जाएगा। ऐसे में सत्ताधारी पार्टी और विपक्षी दल दोनों आगामी चुनावों का बिगुल संसद में बहस के साथ फूंक देंगे।

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