Acn18.com/भिलाई में नीट की तैयारी करने वाले एक छात्र ने परीक्षा से पहले आत्महत्या कर ली। पिछले दिनों दौसा, राजस्थान में दसवीं क्लास की एक स्टूडेंट ने गणित में कमजोर होने के कारण हताशा में जान दे दी। तनाव, पेपर बिगड़ने और रिजल्ट खराब आने के डर की वजह से खुदकुशी की ऐसी खबरें हर साल की तरह इस साल भी आ रही हैं। मनोचिकित्सकों का मानना है कि बच्चों को समझाया जाए कि पर्चा बिगड़ने या फेल होनाे से जिंदगी खत्म नहीं हो जाती, तो वे कभी ऐसे कदम नहीं उठाएंगे।
छत्तीसगढ़ में 4700 सरकारी हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों के बच्चों को यही समझाने के लिए सरकार ने हर स्कूल से एक-एक टीचर को इस मामले में ट्रेंड करने का फैसला किया है। यह ट्रेनिंग जल्द शुरू की जाएगी। ये टीचर इसी सत्र से सभी बच्चों की काउंसिलिंग भी शुरू कर देंगे, ताकि वो नतीजे या पढ़ाई के कारण हताश न हों। राज्य में 4700 शासकीय हाई व हायर सेकेंडरी स्कूल हैं। यहीं काउंसलर का फार्मूला लागू करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान यानी एससीईआरटी से योजना बनाई गई है।
अफसरों का कहना है कि छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेस (निम्हांस) की मदद से शिक्षकों का प्रशिक्षण मॉडयूल तैयार किया गया। इसके अनुसार 50 शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। यही शिक्षक स्कूलों में जाकर दूसरे शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे। प्रयास यह किया जा रहा है कि राज्य में जितने भी हाई व हायर सेकेंडरी स्कूल हैं वहां इस सत्र में कम से कम एक शिक्षक काउंसलर के रूप में ट्रेंड हो। जो बच्चों को बातें करें। उन्हें समझाए कि परीक्षा में फेल हाेने से सब कुछ खत्म नहीं होता।
स्कूल खुलने के बाद होगी शिक्षकों की ट्रेनिंग
एससीईआरटी के अतिरिक्त संचालक, योगेश शिवहरे ने बताया कि छत्तीसगढ़ के शासकीय हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में शिक्षकों को काउंसलर के रूप में तैयार करने की योजना है। हर स्कूल में एक-एक शिक्षक को काउंसलर बनाया जाएगा। स्कूलों में प्रशिक्षण का कार्यक्रम गर्मी छुट्टी के बाद शुरू होगा।