Acn18.com/कोरबा के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। अधिकारियों से सांठ-गांठ कर पंचायत प्रतिनिधी अपनी निजी स्वार्थों की सिद्धी के लिए सरकार को चूना लगाने से भी पीछे नहीं हट रहे है। ऐसा ही कुछ करतला विकासखंड के ग्राम पंचायत गिधौरी में सामने आया है जहां सरपंच के राज में विकास कार्यों की गुणवत्ता से खिलवाड़ कर पंचायत प्रतिनिधी अपनी जेबों को गर्म करने में लगे हुए है।
कोरबा के करतला विकासखंड में मौजूद ग्राम पंचायत गिधौरी में भ्रष्टाचार की गंगा बह रही है। गुणवत्ताहीन कार्य कर पंचायत प्रतिनिधी अपनी जेबों में गर्म कर रहे हैं जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है। सरपंच के राज में जमकर अनियमितता बरती जा रही है लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हो रहा है। गांव के विकास के लिए शासन की तरफ से लाखों का फंड मिल रहा है जहां अधूरे काम कर विकास की राशि का अधिकारी और जनप्रतिनि बंदरबांट कर रहे है। पंचायत में विकास के ऐसे कई काम है जिनसे भ्रष्टाचार की बू आ रही है जिसकी गवाही पंचायत के रहवासी दे रहे है।
गांव के कमल सागर तलाब में रिटायर शिक्षक द्वारा अपनी मां की स्मृति में करीब तीन लाख रुपयों की लागत से पचरी का निर्माण कराया गया है जिसके नाम पर सरपंच और सचिव ने 2 लाख 98 हजार की राशि मूलभूत खर्च से निकाल लिया गया। इस बात की जानकारी होने पर रिटायर्ड शिक्षक ने अधिकारियों से शिकायत की जिसके आधार पर मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने शिकायत को सही पाया और सरपंच सचिव को फटकार लगाई। उसके बाद तालाब में नया पचरी बनाने की कहकर पुराने पचरी की मरम्मत कर लीपापोती कर ली गई। जिसकी गवाही पचरी में पड़ी दरारें दे रही है जबकि पूर्व शिक्षक द्वारा बनाया गया पचरी आज भी सलामत है।
पंचायतों में इस तरह के भ्रष्टाचार होना कोई नई बात नहीं है। समय समय पर इस तरह के मामले सामने आते रहते हैं,लेकिन ठोस कार्रवाई के अभाव में पंचायत प्रतिनिधीयों के हौंसले बुलंद है। भ्रष्टाचारियों के खिलाफ अगर कड़ी कार्रवाई की जाए तो निश्चित ही सरकारी राशि का दुरुपयोग करने वालों में भय पैदा होगा।