Acn18.com/आज भारतीय जनता पार्टी यानी भाजपा का 43वां स्थापना दिवस है। इस मौके पर भाजपा अगले एक हफ्ते तक देशभर में लोगों के बीच जाएगी और कई कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। एक वक्त ऐसा भी था, जब भाजपा अपने अस्तिस्व की लड़ाई लड़ रही थी और आज देश के कई राज्यों में उसकी सत्ता है। केंद्र में लगातार दूसरी बार उसे बहुमत मिला है। आइए हम आपको बताते हैं दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के राजनीतिक सफर के बारे में…
बात 1980 की है। देश में आम चुनाव हुए। कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 353 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं, जनता पार्टी के महज 31 उम्मीदवार जीत पाए। ये जनता पार्टी तीन साल पहले यानी 1977 में भारी बहुमत के साथ सत्ता में आई थी। चुनाव में मिली हार के बाद जनता पार्टी के नेताओं ने समीक्षा की। राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने इस हार के पीछे नेताओं की दोहरी भूमिका को जिम्मेदार ठहराया।
31 अक्टूबर 1984 को देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हो गई। देशभर में बवाल होने लगा। कांग्रेस ने तुरंत चुनाव कराने का फैसला लिया और चुनाव आयोग ने इसका एलान कर दिया। 1984 आम चुनाव में पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने शिरकत की। चुनाव में कांग्रेस की आंधी चली। सहानभूति लहर में कांग्रेस के 404 प्रत्याशी चुनाव जीत गए। पहली बार चुनाव लड़ने वाली भारतीय जनता पार्टी यानी भाजपा के खाते में केवल दो सीटें आईं। तब प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इसका मजाक भी बनाया था। कहा था, ‘हम दो, हमारे दो।’ उनका ये कटाक्ष पार्टी अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी और भाजपा के दो सांसदों पर था।