spot_img

बिलासपुर में 23 साल से जीवित है कठपुतली कला:कभी मनोरंजन के थे प्रमुख साधन, अब अस्तित्व पर खतरा

Must Read

acn18.com बिलासपुर /कठपुतलियां जो कभी हमारी संस्कृति का प्रतिबिंब कही जाती थी और लोककलाओं के प्रमुख रूप में मनोरंजन के साधन थे। लेकिन, अब आधुनितकता और टेक्नालॉजी के बदलते दौर में दिल बहलाने वाली यह इस कला के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। बावजूद इसके बिलासपुर में पिछले 23 साल से कठपुतली को एक परिवार विरासत के रूम में संभालना रहा है, जी हां, हम बात कर रहे हैं मोइत्रा परिवार की, जो कठपुलती एंव नाट्य कला मंच के माध्यम से लगातार इस पर काम रहे हैं।

- Advertisement -

दरअसल, यह लोककला लोक-शिक्षण, सामाजिक सरोकार, ऐतिहासिक घटना, प्रसंग और भाईचारे की संदेशवाहक होने के साथ ही लोगों में जागृति लाने का सशक्त माध्यम भी है। पहले कठपुतली कला के माध्यम से महिला शिक्षा, प्रौढ़ शिक्षा, परिवार नियोजन जैसे सम-सामयिक विषयों पर आधारित कार्यक्रमों ने लोगों की गलत धारणाओं को बदल कर उन्हें सही दिशा एवं मार्गदर्शन देने का काम किया है। लेकिन, अब टेक्नालॉजी की चकाचौंध और सरकारी संरक्षण के अभाव में यह कला अब दम तोड़ रही है। पहले गांव-गांव में कठपुतली कला का खेल दिखाया जाता था, लेकिन अब उसके प्रति मोहभंग होने के कारण कठपुतली कलाकारों के जीविकोपार्जन का संकट गहराने लगा है। यही वजह है कि इस कला से जुड़े लोगों ने आर्थिक तंगी के चलते दूसरा व्यवसाय और रोजगार की ओर रूख कर लिया है।

कठपुतली कला को आज भी जीवित रखी हैं किरण मोइत्रा।
कठपुतली कला को आज भी जीवित रखी हैं किरण मोइत्रा।

 

स्व. नीलिमा मोइत्रा ने 2003 में कराया था पंजीयन
कठपुतली एवं नाट्य कला मंच की सचिव और स्व. नीलिमा मोइत्रा की बहू किरण मोइत्रा बताती हैं कि उनकी सास नीलिमा ने 23 साल पहले कठपुतली कला की शुरूआत की थी। तब से यह संस्था पंजीकृत होकर काम कर रही है। उन्होंने विलुप्त होती इस कला को न सिर्फ जीवित रखा। बल्कि, संस्था से जुड़े कलाकारों की आर्थिक परिस्थितियों का भी ख्याल रखा। दो साल पहले नीलिमा मोइत्रा का निधन हो गया। लेकिन, उनकी यह संस्था आज भी लगातार काम कर रही है। किरण मोइत्रा बताती हैं कि कठपुतली शो के माध्यम से जनजागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

21 मार्च से 28 मार्च तक चलेगा कठपुतली सप्ताह
किरण मोइत्रा ने बताया कि 21 मार्च को विश्व कठपुतली दिवस है। लिहाजा, 21 मार्च से 28 मार्च तक इस बार कठपुतली सप्ताह मनाया जाएगा। इसके माध्यम से बिलासपुर सहित आसपास के इलाकों में कठपुतली शो का प्रदर्शन कर जनजागरूकता को लेकर अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान अलग-अलग जगहों व स्कूलों में कठपुतली शो का आयोजन किया जाएगा।

टेक्नालॉजी के इस दौर में कठपुतली कला को संभालकर रखने की है चुनौती।
टेक्नालॉजी के इस दौर में कठपुतली कला को संभालकर रखने की है चुनौती।

 

पुलिस के निजात अभियान को भी किया शामिल
किरण मोइत्रा ने बताया कि कठपुतली के माध्यम से खेल के प्रचार प्रसार के साथ ही जन जागरूकता के तहत किया जा रहा है। कठपुतलियों के कई प्रकार होते हैं, जिसमें दस्ताना कठपुतली, धागा कठपुतली, छड़ कठपुतली, बोलती हुई कठपुतली, रोड में चलने वाली कठपुतलियां भी शामिल होंगी। इस विश्व कठपुतली सप्ताह में पुलिस के विशेष कार्यक्रम निजात- नशा मुक्ति अभियान को भी जोड़ा गया है, जिसका स्लोगन जिंदगी को हां कहे और नशे को न कहें इस बात पर विशेष कार्यक्रम किया जाएगा। इसके साथ-साथ मोबाइल मेनिया, साइबर फ्रॉड, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, स्वच्छता अभियान, बाल अधिकार गुड टच बैड टच, शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण आहार कार्यक्रम, मिलेट्स के उपयोग और शासन से जुड़ी कई योजनाओं पर अपनी प्रस्तुति कठपुतली शो के माध्यम से किया जाएगा। इसमें संस्था के कलाकार प्रशांत मानिकपुरी, सत्यजीत मजूमदार, रूपेश कुर्रे, दया शंकर साहू, आकाश यादव, उमेश महंत, परस राम साहू, सज्जाद खान, संदीप कुर्रे, शुभम यादव, दीपक यादव समेत पूरी टीम के लोग शामिल रहेंगे।

मारपीट करने वाले चार आरोपी गिरफ्तार, चांपा पुलिस ने की कार्रवाई

377FansLike
57FollowersFollow
377FansLike
57FollowersFollow
Latest News

पूर्व विधायक के बेटे की कार से मिला लाखों का गांजा

acn18.com/  . रायपुर। पूर्व विधायक के बेटे की गाड़ी से गांजे का जखीरा मिला है। कांग्रेस के विधायक रहे...

More Articles Like This

- Advertisement -