राजाडीह में कोयला सर्वे को लेकर लोग नाराज,अपनी जमीन की सुरक्षा पर दे रहे जोर

acn18.com कोरबा/ कोरबा जिले के और भी कुछ इलाकों में कोयला की उपस्थिति का पता चला है। प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद एमईसीएल ने एक कंसल्टेंट्स एजेंसी के जरिए राजाडीह क्षेत्र में सर्वेक्षण का काम शुरू कराया है। इसकी जानकारी मिलने पर लोग नाराज हो गए। उन्होंने अपनी जमीन को खनन संबंधी कार्यों से सुरक्षित रखने की घोषणा की है।

यह जो तस्वीर आप अपने टेलीविजन की स्क्रीन पर देख रहे हैं यह कोरबा जिले के राजाडीह गांव की है। यहां पर काफी संख्या में ग्रामीण निजी एजेंसी के कर्मियों से उलझते हुए नजर आ रहे हैं। इस कंपनी को कोयला की मौजूदगी का सर्वे करने की जिम्मेदारी मिली हुई है। सर्वेक्षण के बाद यहां उन कार्यों को किया जाना है जो खनन से संबंधित होते हैं। कोयला सर्वेक्षण के मामले को लेकर इससे पहले कोरबा जिले के कोलगा व कोडवारी मैं लोग विरोध कर चुके हैं। वाइब्रेटिंग बेस्ड ब्लास्टिंग के जरिए यहां पर सर्वे कराया जा रहा है। लोगों की चिंता इस बात को लेकर रहेगी इस तरह का काम करने से यहां पानी का स्तर नीचे जा सकता है और आसपास के पर्यावरण पर भी असर पड़ना स्वाभाविक है। इन इलाकों के बाद अब राजाडीह में भी लोग इरादे दिखा रहे है। सर्वेक्षण के मसले को लेकर लोग अपनी जमीन की सुरक्षा करते दिखाई दिए ।उन्होंने इस विषय पर कंपनी के कर्मचारियों से जमकर बहस बाजी की। इन सब के बावजूद जिन क्षेत्रों में कोयला की मौजूदगी की जानकारी भारत सरकार के खनन मंत्रालय को है वह अगली प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए काम करेगा ही। राज्य सरकार के सहयोग से ऐसे कार्यों को पूरा कराया जाना है। छत्तीसगढ़ के कई क्षेत्रों में लोग ऐसी परियोजनाओं का विरोध पिछले वर्षों में कर चुके हैं लेकिन आखिरकार परियोजनाओं की स्थापना हुई और वे वर्तमान में क्रियाशील है। इसे देखते हुए लगता है कि कोरबा जिले में जहां कहीं सर्वेक्षण को लेकर गतिरोध बना हुआ है, भविष्य में वहां की तस्वीर कुछ और हो सकती है।

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