acn18.com बिलासपुर/ बिलासपुर जिले में कोटा-रतनपुर स्थित खुंटाघाट जलाशय अचानक सुर्खियों में आ गया है। छत्तीगढ़ पर्यटन विभाग ने जलाशय के बीचों बीच मौजूद टापू पर ग्लास हाउस व रेस्टोरेंट बनाने का निर्णय लिया है। टापू पर प्रवासी पक्षियों का बसेरा होने का हवाला देकर आम आदमी पार्टी के साथ ही स्थानिय ग्रामीणों ने विकास कार्यों का विरोध करना शुरु कर दिया है।
प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा काफी प्रयास किया जा रहा है। अलग अलग क्षेत्रों में विकास के काम किए जा रहे हैं कहीं कार्यों की सराहना हो रही है,तो कहीं विरोध। बिलासपुर में कोटा-रतनपुर स्थित खुंटाघाट जलाशय के बीचों बीच मौजूद टापू में ग्लास हाउस के साथ ही रेस्टोरेंट निर्माण का विरोध शुरु हो गया है। प्रवासी पक्षियों का निवास स्थान होने का हवाला देकर ग्रामीणों के साथ ही आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विकास कार्यों का तगड़ा विरोध किया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जिस टापू में पर्यटन विभाग करोड़ों रुपए खर्च कर ग्लास हाउस, रेस्टोरेंट बनाने जा रहा है वहां पर हर वर्ष हजारो की संख्या में प्रवासी पक्षी आते है और अपना वंशवृद्धि करते है…. ऐसे में टापू पर इस प्रकार की योजना का प्रयोग करने से उन जलीय पक्षियो का प्राकृतिक आवास नष्ट हो जाएगा
खुंटाघाट को विकसित करने की मंशा से छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग ने करोड़ों रुपये खर्च करने जा रहा है जिसका भूमिपूजन भी हो गया है। विकास कार्य को लेकर जिस तरह से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है उसे लेकर छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव का कहना है की टापू में बनाए जा रहे ग्लास हाउस और रेस्टोरेंट से पर्यावरण प्राणियों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी उन्हें ध्यान में रखते हुए यहां पर कार्य किए जाएंगे।
ग्रामीणों के साथ ही आम आदमी पार्टी ने स्पष्ट रुप से कह दिया है,कि वे खुंटाघाट जलाशय के टापू पर किसी भी तरह का निर्माण कार्य नहीं होने देंगे। अब देखना यह है,कि प्रशासन उनके विरोध का सामना किस तरह करता है।