acn18.com कोरबा /कोरबा के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की मनमानी से छात्रों का अध्यापन कार्य बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। शिक्षक समय पर स्कूल नहीं आते जिससे छात्रों के साथ ही ग्रामीण भी काफी परेशान है। बरपाली के जूनाडीह प्राथमिक स्कूल की भी यही कहानी है जहां एक शिक्षक कभी भी समय पर स्कूल नहीं आता जिससे छात्रों की पढ़ाई पिछड़ती जा रही है।
सरकारी शिक्षा व्यवस्था के स्तर को उपर उठाने शासन-प्रशासन स्तर पर काफी प्रयास किया जा रहा है लेकिन जमीनी स्तर पर शिक्षकों की मनमानी के कारण सरकार की कोशिशों पर पलीता लग रहा है। बरपाली के जूनाडीह प्राथमिक स्कूल में पदस्थ एक शिक्षक कभी भी समय पर स्कूल नहीं पहुंचते। गलती से कभी वे स्कूल पहुंच भी जाए तो समय से पहले घर चले जाते है। राम मनोहर शर्मा नामक इस शिक्षक की मनमानी से छात्रों के साथ ही गांव के ग्रामीण भी काफी परेशान है। छात्रों का कहना है,कि शर्मा सर सप्ताह में केवल दो से तीन दिन ही अपनी सूरत स्कूल में दिखाते है।
स्कूल के प्रधान पाठक का कहना है,कि यहां उनको मिलाकर कुल चार शिक्षक पदस्थ है जिनमें से एक दूसरे स्कूल में अटैच है जबकि एक सीएल पर रहते है। ऐसे में शर्मा सर और उनके उपर ही बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी है। किन्ही कारणवश वे नियमित रुप से स्कूल नहीं आ पाते जिससे छात्रों का अध्यापन कार्य प्रभावित हो रहा है। अधिकारियों को मामले से अवगत कराया गया है बावजूद इसके व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही।
कोरबा के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित लगभग सभी सरकारी स्कूलों का यही हाल है जहां शिक्षक समय पर अपनी मौजूदगी स्कूल में दर्ज नहीं कराते जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रहा है। अगर ऐसा ही चलता रहा,तो बच्चों का भविष्य क्या होगा इसका अंदाजा लगाना ज्यादा कठिन नहीं है।