नई दिल्ली, एजेंसी। तुर्किये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में अब तक 8 हजार लोगों की मौत हो गई है और ये आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में दुनियाभर के देशों से तुर्किये व सीरिया में मदद के लिए टीमें भेजी गई है। भारत की ओर से भी NDRF व मेडिकल टीमें तुर्किये भेजी गई है, जिनमें चार सदस्यीय डॉग स्क्वायड भी शामिल है।
चार सदस्यीय डॉग स्क्वाड भी बचाव अभियान में जुटे
चार सदस्यीय डॉग स्क्वाड में शामिल जूली, रोमियो, हनी और रैम्बो भूकंप प्रभावित तुर्किये में बचाव अभियान में लगे हुए हैं। बता दें कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियानों के दौरान सूंघने और अन्य महत्वपूर्ण कौशल के विशेषज्ञ विशेष रूप से प्रशिक्षित लैब्राडोर नस्ल के डॉग स्क्वाड को मंगलवार को भारत से 101 सदस्यीय टीम के साथ तुर्किये के लिए रवाना किया गया था।
भूकंप प्रभावित क्षेत्र में बचाव अभियान है जारी
ये डॉग स्क्वायड तुर्किये के उन भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में खोज और बचाव अभियान में लगे हुए हैं, जो सोमवार को बड़े पैमाने पर भूकंप से तबाह हो गए थे। एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि डॉग स्क्वायड और 101 टीम के सदस्य हर तरह से आत्मनिर्भर हैं और सभी आवश्यक अत्याधुनिक खोज व बचाव और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों से लैस हैं। अधिकारी ने कहा कि एनडीआरएफ की टीम तुर्किये के स्थानीय अधिकारियों को जरूरत के मुताबिक राहत और बचाव कार्यों में मदद करेगी।
मंगलवार को तुर्किये रवाना हुई थी NDRF की टीम
बता दें कि एक दिन पहले ही एनडीआरएफ की टीम विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड, चिकित्सा आपूर्ति, ड्रिलिंग मशीन और अन्य आवश्यक उपकरणों के साथ भूकंप राहत सामग्री के साथ तुर्किये रवाना हुई थी। डिप्टी कमांडेंट दीपक तलवार के नेतृत्व में 51 सदस्यीय एनडीआरएफ की टीम मंगलवार तड़के भारतीय वायु सेना के विमान से गाजियाबाद के हिंडन हवाई अड्डे से तुर्किये के लिए रवाना हुई थी।
कमांडेंट गुरमिंदर सिंह कर रहे टुकड़ी का नेतृत्व
एनडीआरएफ की टुकड़ी का नेतृत्व कमांडेंट गुरमिंदर सिंह कर रहे हैं। साथ ही आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए डॉक्टर और पैरामेडिक्स भी उनके साथ हैं। गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत सरकार भूकंप से निपटने के लिए तुर्किये सरकार को इस संकट की स्थिति में सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
चौथी बार किसी देश भेजी गई है NDRF की टीम
बताते चलें कि 2011 में जापान की ट्रिपल आपदा और 2015 में नेपाल भूकंप के बाद विश्व स्तर पर प्रशंसित NDRF को अपनी स्थापना के बाद से चौथी बार किसी देश में भूकंप से निपटने का काम सौंपा गया है। एनडीआरएफ का साल 2006 में गठन किया गया था। NDRF को पहली बार 2011 में जापान में एक अंतरराष्ट्रीय बचाव अभियान के लिए भेजा गया था।