acn18.com सक्ती /सक्ती जिले के ग्राम करौवाडीह में संचालित सरकारी स्कूल में एक ऐसा शिक्षक पदस्थ है,जो अपना नाम लिखने के अलावा कुछ नहीं जानता। पिछले कई वर्षों से स्कूल में केवल अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे शिक्षक के बदले उसके परिजन बच्चों को पढ़ाते है। सब जानने के बाद भी शिक्षा विभाग उसके खिलाफ न तो किसी तरह की कार्रवाई कर रहा है और न उससे रुपयों की रिकवरी की जा रही है।
शिक्षक को नाम लिखने के अलावा नहीं आता कुछ ,शिक्षक के परिजन बच्चों को देते ही शिक्षा , ग्राम करौवाडीह में संचालित है अनोखा स्कूल pic.twitter.com/hDTJEetv4U
— acn18.com (@acn18news) February 1, 2023
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित सरकारी स्कूलों का भगवान ही मालिक है। सरकारी शिक्षा व्यवस्था के स्तर को सुधारने क्या कुछ नहीं किया जा रहा लेकिन नतीजे ढाक के तीन पात के समान है। सक्ती जिले के ग्राम करौवाडीह में संचालित सरकारी स्कूल में मुन्ना भाई के तर्ज पर बच्चों को शिक्षा प्रदान की जा रही है। यहां सहायक शिक्षक के रुप में पदस्थ रतन सिंह मरावी को अपना नाम लिखने के अलावा कुछ नहीं आता। रतन सिंह रोजाना स्कूल तो आते हैं लेकिन बच्चों को पढ़ाने के बजाए कार्यालय में सोते नजर आते है,जबबि उनके स्थान पर परिजन बच्चों को तालीम देते हैं जो खुद कक्षा दसवीं तक पढ़े है। ऐसे में सहज की अंदाजा लगाया जा सकता है,कि बच्चों की शिक्षा का स्तर क्या होगा।
पूछताछ में यह बात सामने आई है,कि रतन सिंह पिछले पांच साल से इस स्कूल में पदस्थ हैं और बिना काम किए वेतन का आहरण कर रहे है। खास बात तो यह है,कि रतन सिंह के संबंध में शिक्षा विभाग को पूरी जानकारी है बावजूद इसके उसके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई न होना समझा से परे है।
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