रविवार, 4 दिसंबर को अगहन (मार्गशीर्ष) शुक्ल पक्ष की एकादशी (मोक्षदा) है। ये व्रत घर-परिवार की सुख-समृद्धि की कामना से किया जाता है। अधिकतर लोग पूरे साल की 24 एकादशियों पर व्रत और विष्णु जी की विशेष पूजा करते हैं। यहां जानिए मोक्षदा एकादशी से जुड़ी खास बातें…
- उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक रविवार को मोक्षदा एकादशी है, ये मोक्ष देने वाला व्रत है। इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है।
- महाभारत युद्ध की शुरुआत होने वाली थी और उस समय अर्जुन ने जब कौरव पक्ष में भीष्म पितामह, द्रोणाचार्य, कृपाचार्य आदि अपने कुंटुंब के लोगों को देखा तो युद्ध करने का विचार ही छोड़ दिया था। उस समय श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया थी। उस दिन मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी थी।
- मोक्षदा एकादशी पर विष्णु जी के साथ ही महालक्ष्मी की भी पूजा करें। इस दिन श्रीमद् भगवद् गीता की पूजा करने की और ये ग्रंथ दान करने की परंपरा है।
- अभी ठंड का समय है, ऐसे में एकादशी पर गर्म यानी ऊनी कपड़ों का दान जरूर करें। किसी गोशाला में गायों की देखभाल के लिए धन दान करें।
- गीता जयंती पर गीता का पाठ करना चाहिए। अगर पूरे ग्रंथ का पाठ करने का समय न हो तो अपनी समय के अनुसार इसके कुछ अध्यायों का पाठ कर सकते हैं। पाठ के साथ गीता में बताए गए सूत्रों को जीवन में उतारने का संकल्प भी लें।
- एकादशी और रविवार का योग होने से इस दिन सूर्य देव की भी विशेष पूजा करें। सूर्य को अर्घ देकर दिन की शुरुआत करें।
- रविवार को एकादशी है और इस दिन विष्णु जी, श्रीकृष्ण को खासतौर पर तुलसी के साथ भोग लगाया जाता है, लेकिन रविवार को तुलसी नहीं तोड़ी जाती है, इसलिए शनिवार को ही तुलसी के पत्ते तोड़कर रख लें। रविवार को इन पत्तों का इस्तेमाल पूजा में किया जा सकता है।
- किसी मंदिर में विष्णु जी के सामने दीपक जलाकर ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें।
- एकादशी की शाम तुलसी के पास दीपक जलाएं और पूजा करें। ध्यान रखें, शाम के समय तुलसी को स्पर्श नहीं करना चाहिए।
- एकादशी पर जरूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान करना चाहिए। इस दिन जो लोग व्रत करते हैं, उन्हें दिनभर निराहार रहना चाहिए। अगर भूखे रहना संभव न हो तो फलाहार कर सकते हैं।