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पंडरापाठ में सर्पदंश का अजीबो-गरीब मामला:डसने पर बच्चे ने दांतों से कोबरा को काटकर मार डाला, उपचार के बाद बच्चा पूरी तरह स्वस्थ

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acn18.com जशपुर/जशपुर जिले में सर्पदंश के मामले सामने आते हैं, लेकिन पंडरापाठ में लोगो को हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। 8 साल के पहाड़ी कोरवा बच्चे को पहले जहरीले कोबरा ने डसा जिसके बाद बच्चे ने गुस्से में सांप को काट लिया और जिससे सांप की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, सांप ने पहले बच्चे को काटा उसके बाद गुस्से में बच्चे ने उस सांप को पकड़कर काट दिया जिस कारण से सांप की मौत हो गई। बच्चे के परिजन ने बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है। वो पूरी तरह से ठीक है।

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बगीचा विकासखंड के पंडरापाठ में रहने वाला पहाड़ी कोरवा बालक घर से कुछ दूर अपनी दीदी के घर गया था। जब बच्चा खेल रहा था उसी समय एक सांप ने उसके हाथ काे डस लिया। इसके बाद गुस्से में दीपक राम ने भी सांप को पकड़कर उसे अपने दांतों से काट लिया। इस दौरान सांप ने दीपक के हाथों को बुरी तरह जकड़ लिया। उसकी दीदी काे जब घटना की जानकारी लगी ताे उसने तत्काल दीपक काे उपचार के लिए अस्पताल ले गई। उपचार के बाद दीपक अभी पूरी तरह स्वस्थ्य है।

क्षेत्र में ज्यादा पाए जाते हैं जहरीले सांप
सांपों का रेस्क्यू करने वाले केसर हुसैन बताते हैं कि जिले में बारिश और गर्मी के मौसम में सांपों का खासा असर होता है। इस मौसम में सांप बिलों से बाहर आ जाते हैं। जिले में सांपों की अधिकता होने की वजह से सर्पदंश से मौत के मामले भी ज्यादा हैं।जशपुर क्षेत्र में बहुतायत मात्रा में सांप पाए जाते हैं। वे बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में जितने भी प्रजाति के सांप पाए जाते हैं, उनमें से 80% सांपों की प्रजाति जशपुर में मौजूद हैं। जशपुर में कुल 26 प्रकार के सांपों की प्रजाति पाई जाती है।

दीपक बोला- सांप ने काटा तो मैने गुस्से में उसे काटकर मार डाला
मैं खेल रहा था उसी समय जहरीले सांप ने आकर मुझे काट लिया। तो मैंने भी गुस्से में आकर सांप को काट दिया इसके बाद इसकी सूचना मैंने अपने घरवालों को दी। दीदी का कहना है की वह पानी लेने के लिए गई थी और उसका भाई मेरे पास आया और बताया दीदी मुझे सांप ने काट लिया है। उसने यह भी बताया कि गुस्से में आकर सांप को काट लिया ।

सबसे ज्यादा विषैला प्रजाति जशपुर में देश में कोबरा और करैत की सबसे जहरीली प्रजाति जशपुर में पाई जाती है। यही वजह है कि यहां लोग इसे छत्तीसगढ़ का नागलोक के नाम से जानते हैं। किवदंती है कि इस क्षेत्र में एक गुफा है जहां नागलोक का प्रवेश है। इस गुफा के जरिए नागलोक तक जाया जा सकता है। नागलोक और उससे लगे इलाके में सांपों की 70 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें कोबरा की चार और करैत की तीन अत्यंत विषैली प्रजातियां भी शामिल हैं।

जिले में जागरूकता अभियान चला रहे
जिला चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रंजीत टोप्पो ने बताया कि सर्पदंश के मामले से निपटने के लिए जिले के सभी सीएचसी और पीएचसी केंद्रों में एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध कराया गया है। इसके साथ ही जागरूकता के लिए भी अभियान चलाया जा रहा है।

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