acn18.com कोरबा/दीपावली के 6 दिन बाद छठ पर्व मनाए जाने की परंपरा है सूर्य और छठ मैया की आराधना के साथ ही इस त्यौहार को पवित्रता के नाम पर भी जाना जाता है यही कारण है कि जिन घाटों पर व्रती पूजा के पश्चात स्नान कर भगवान भुवन भास्कर को अर्घ्य देते हैं वहां की साफ सफाई शुरू हो गई है
उत्तर प्रदेश बिहार या यूं कहें कि समस्त पूर्वांचल में दीपावली के छठवें दिन छठ मैया की पूजा आराधना की परंपरा है छठ पूजा के दौरान अस्त उदित होते सूर्य नारायण को अर्ध देने की परंपरा का निर्वहन इस वर्ष भी किया जाना है भारतीय संस्कृति में सबसे अधिक पवित्रता वाले इस पर्व को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है कोरबा शहर के कोने कोने में दीपावली के साथ छठ पूजा को लेकर होर्डिंग और कट आउट लगाए जा रहे हैं वातावरण पूरी तरह धार्मिक हो चला है कोरबा जिले के लगभग 50 घाटों पर सूर्य षष्ठी के दिन सूर्यनारायण को अर्ध्य दिया जाएगा इसलिए लगभग सभी घाटों पर दीपावली से पहले ही साफ सफाई का काम शुरू कर दिया गया है ढेगूर नाला सर्वमंगला मंदिर बालको दर्री कुसमुंडा गेवरा बाकी मोगरा सहित अन्य क्षेत्रों के तालाबों नदियों और नहर के किनारे छठ माता के भक्त पूजा अर्चना की तैयारी में जुट गए हैं पूर्वांचल विकास समिति दर्री इकाई इस वर्ष भी दर्री डेम के एक हिस्से की सफाई में जुटी हुई है. डेम में पसरी गंदगी और जलकुंभी को हटाने के लिए कई दिनों से प्रयास किया जा रहा है
गौरतलब है कि छठ पूजा निर्विघ्न संपन्न करवाने में प्रशासन की महती भूमिका होती है. कोरबा जिलाधीश ने विशेष रूचि लेकर समस्त विभागों और सार्वजनिक प्रतिष्ठानों के प्रमुखों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र के सभी जलाशयों के आसपास पसरी गंदगी को साफ करवाने मैं सहयोग करें. बाहर हाल कोरबा जिले में दशकों पहले यूपी बिहार से आकर यहां के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हजारों हजार परिवार छठ माता के पूजन की तैयारी में जुट गए हैं