acn18.com रायपुर/छत्तीसगढ़ में पिछले एक सप्ताह से सर्च ऑपरेशन चला रहे प्रवर्तन निदेशालय-ED ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है। उसके टारगेट में रायगढ़ की कलेक्टर रानू साहू हैं। ED के अधिकारियों ने मंगलवार को साहू के मायके में दबिश दी है। सुबह पांच बजे पहुंचे अधिकारी गरियाबंद के पाण्डुका में कई घरों में जांच कर रहे हैं।
ED के 12 अधिकारियों की एक टीम ने सुबह 5 बजे पाण्डुका में गरियाबंद की जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी साहू और कांग्रेस नेता शैलेंद्र साहू का दरवाजा खटखटाया। पहले तो परिवारवालों ने टीम को अंदर नहीं आने दिया, लेकिन कुछ देर बाद टीम घर के अंदर चली गई। उसके बाद से टीम वहां जांच कर रही है। लक्ष्मी साहू कलेक्टर रानू साहू की मां हैं। वहीं शैलेंद्र साहू उनके चचेरे भाई हैं।
ED की टीम वहां दस्तावेजों को खंगाल रही है। बताया जा रहा है, मैनपुर में एक 12 एकड़ के तालाब के भी इस परिवार के नाम होने की जानकारी सामने आई थी, क्योंकि इसकी प्रारंभिक रजिस्ट्री में परिवार का नाम था। इस एंगल पर भी जांच की जा रही है। छापे की कार्रवाई के लंबा चलने की आशंका जताई जा रही है।
ED की एक बड़े सर्च ऑपरेशन के तौर पर 11 अक्टूबर की सुबह प्रदेश के 40 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसके केंद्र में कोयला ढुलाई से जुड़ा नेटवर्क था। एजेंसी ने रायपुर के अलावा कोरबा, रायगढ़, महासमुंद आदि जगहों पर ध्यान केंद्रित किया।
रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू नहीं मिलीं तो उनका सरकारी बंगला सील कर दिया गया। 12 अक्टूबर को रानू साहू ने रायगढ़ पहुंचकर ED के जांच अधिकारी को तलाशी के लिए आमंत्रित किया। बाद में उनके बंगले और रायगढ़ कलेक्ट्रेट की भी विस्तृत तलाशी ली गई है। वहां से ED की टीम लौट आई है।
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