acn18.com केरल /केरल बलि केस में CCTV भी मिल गया है। इसमें आरोपी तांत्रिक महिला के साथ नजर आ रहा है। पुलिस ने बताया कि उसने दोनों महिलाओं को सेक्स, पोर्न मूवी और रुपयों के लालच में फंसाया था।
11 अक्टूबर को इस मामले का खुलासा हुआ था। पुलिस ने बताया कि जिन 2 महिलाओं की बलि चढ़ाई गई, उन्हें तांत्रिक मोहम्मद शफी ही डॉक्टर भगावल सिंह और उसकी पत्नी लैला तक लेकर आया था। तीनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
किस तरह तांत्रिक ने महिलाओं को लालच दिया, पुलिस ने इसका खुलासा कर दिया है।
CCTV फुटेज और उसके बाद हुआ खुलासा पढ़िए
पद्मा और रोसेलिन की बलि 27 सितंबर को दी गई थी, लेकिन मामला 11 अक्टूबर को सामने आया। CCTV फुटेज 26 सितंबर का है, यानी जिस दिन पद्मा लापता हुई थी। इसके बाद उसके घर के आसपास लगे CCTV कैमरों की जांच की गई। वीडियो में पद्मा को एक सफेद स्कॉर्पियो में चढ़ते हुए और बाद में एक सड़क पार करते हुए देखा गया। उसके साथ आरोपी मो. शफी भी था। इसके बाद पद्मा के सेलफोन की लोकेशन को फॉलो किया गया, जो टीम को शफी तक ले गई।
9 अक्टूबर को पुलिस ने सिंह के पड़ोसी जोस थॉमस के घर में लगे CCTV की जांच की। इसमें सफेद स्कॉर्पियो और पद्मा दोनों दिखाई दी, जो डॉक्टर भगावल के घर के घर की ओर जा रही थी। इसके बाद पुलिस ने सिंह से पूछताछ की। उसने पद्मा और रोसेलिन की हत्या की बात कबूल कर ली। जांच में पुलिस को घर के आसपास गड्ढों में दोनों शवों के टुकड़ों को 61 पैकेट्स भी मिले।
डॉक्टर दंपती तक कैसे पहुंचीं पद्मा और रोसेलिन, कैसे शफी ने फंसाया
- त्रिरुवल्ला का रहने वाला डॉक्टर भगावल आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। उसकी पत्नी लैला ने फेसबुक के जरिए पेरुंबवूर में रहने वाले तांत्रिक शफी से कॉन्टैक्ट किया। शफी ने कहा- मानव बलि देने से ही भगवान खुश होंगे। उसने दो महिलाओं की बलि देने को कहा। साथ ही यह भी बताया कि वही बलि के लिए महिलाओं का इंतजाम भी कर देगा। वह मानव तस्करी भी करता था।
- शफी ने कलाडी और कदवंतरा की रहने वाली पद्मा और रोसेलिन को अपने जाल में फंसाया। शफी पद्मा को डॉक्टर के घर सेक्स के लिए लाया था। उसने पद्मा को इसके बदले 15,000 रुपए देने की बात कही थी। रोसेलिन को जून में में सिंह के घर पोर्न मूवी में काम करने के लिए लाया गया था। उसे 10 लाख रुपये की पेशकश की गई थी।
- शफी महिलाओं को लेकर सबसे पहले त्रिरुवल्ला लाया। यहीं से डॉक्टर दंपती और तांत्रिक दोनों महिलाओं को लेकर पथनामथिट्टा के एलंथूर गए। यहीं उनकी बलि दी गई। शफी को इस काम के लिए करीब 3 लाख रुपए दिए गए थे।
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एक लाश के 56 टुकड़े किए, शव को खाने का भी शक
पुलिस ने बताया कि शफी ने पद्मा को मारा और लैला-सिंह ने रोसेलिन को मारा था। पहले पद्मा को टॉर्चर किया गया, फिर उसका गला रेत दिया गया। बाद में शरीर को 56 छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर दफन कर दिया गया। रोसेलिन को भी पहले टॉर्चर किया गया, उसके गुप्तांगों में चाकू मारा गया, फिर उसकी हत्या की गई। उनकी छाती भी काट दी गई थी। पुलिस ने आशंका जाहिर की है कि आरोपी ने शवों को पकाकर खाया भी है। सबूत इसी ओर इशारा कर रहे हैं, लेकिन इसकी पुष्टि अभी नहीं की गई है।पुलिस का कहना है कि मुख्य आरोपी तांत्रिक मनोरोगी लग रहा है। उसने सेक्स के लिए इस घटना को अंजाम दिया होगा। इसकी जांच चल रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि उसने पहले भी ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया है या नहीं।
एलंथूर में ही दोनों महिलाओं को दफना दिया गया था।केरल में जून में भी दी गई थी महिला की भी बलि
इससे पहले जून 2022 में भी एक 49 साल की महिला की बलि देने का मामला सामने आया था। महिला लॉटरी बेचने का काम करती थी। उससे भी पैसों का लालच देकर एक कपल अपने साथ ले गया था। बाद में उसकी हत्या कर दी गई। आरोपियों ने महिला के शव के टुकड़े करके दफना दिया था।बीमार हाथी को ठीक करने के लिए दोस्त की बलि दे दी
केरल में आजादी के बाद से बलि के 8 मामले दर्ज किए गए। पिछले साल मां ने अपने ही बच्चे की बलि चढ़ा दी। 2004 में बच्चे के हाथ-पांव काट दिए। 1996 में दंपती ने बच्चे की चाह में 6 साल की बच्ची की बलि चढ़ा दी। 1983 में मां-बेटे ने शिक्षक की बलि देने की कोशिश की। 1973 में बच्चे की बलि दे दी गई। 1956 में गुरुवायुर में कृष्णन ने बीमार हाथी के लिए अपने दोस्त का गला रेत दिया। उसने कोर्ट में कहा था कि हाथी बड़ा जानवर है। इंसान छोटा। जब हाथी मर रहा हो तो इंसान के जिंदा रहने का कोई मतलब नहीं। 1955 में किशोर की गला दबाकर हत्या कर दी। - केरल में दो महिलाओं की हत्या के बाद काला जादू के खिलाफ कानून की मांग उठने लगी है। 3 साल पहले 2019 में बिल बना भी, लेकिन विधानसभा में पेश तक नहीं हुआ। इसमें काला जादू, मानव बलि रोकने के प्रावधान थे। केरल के गृह विभाग ने इस बिल पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। सरकार भी इस बिल पर मौन साधे है। यहां तक कि केएलआरसी और लॉ विभाग की वेबसाइट्स पर इस बिल के बारे में कोई जानकारी तक अपडेट नहीं की गई।
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