acn18.com कुल्लू/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंटरनेशनल कुल्लू दशहरा देखने के लिए दोपहर बाद बिलासपुर से कुल्लू पहुंचे। यहां भगवान रघुनाथ की रथयात्रा शुरू हो चुकी है। PM ने अटल सदन के प्रांगण से रथयात्रा देखी और रघुनाथजी के दर्शन किए। मोदी कुल्लू दशहरा उत्सव में शामिल होने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री हैं।
रघुनाथ की रथयात्रा के साथ ही 7 दिन चलने वाले इंटरनेशनल कुल्लू दशहरा का आगाज हो गया है। प्रधानमंत्री ने देवी-देवताओं के सामने अपना शीष नवाकर आशीर्वाद लिया।
47 मिनट कुल्लू में रुके प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी कुल्लू के ढालपुर मैदान दोपहर बाद 3 बजकर 13 मिनट पर पहुंचे। 47 मिनट तक यहां रुकने के बाद वह भुंतर एयरपोर्ट से वापस दिल्ली लौटें। हालांकि उनका बिजली महादेव जाने का भी कार्यक्रम था, लेकिन समय के अभाव की वजह से वह बिजली महादेव नहीं गए और कुल्लू से ही लौट गए।
कुल्लू की शॉल-टोपी पहनकर स्वागत
कुल्लू में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कुल्लवी शॉल और टोपी पहनाकर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। इससे पहले मोदी ने बुधवार सुबह बिलासपुर में AIIMS और हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज का उद्घाटन किया। बिलासपुर की जनसभा में मोदी ने रणसिंघा (हिमाचल का पारंपरिक वाद्य यंत्र) भी बजाया। मोदी 10 दिन में दूसरी बार हिमाचल आए हैं।
बिलासपुर की सभा में PM ने विपक्षी दलों की सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पहले सिर्फ भूमिपूजन होता था। फिर वे भूल जाते थे। अब काम होता है। हमारी सरकार काम लटकाने में नहीं बल्कि काम करने में विश्वास रखती है। उन्होंने कहा, ‘हिमाचल वीरों की धरती है। मैंने यहां की रोटी खाई है। मुझे इसका कर्ज भी चुकाना है।’
बिलासपुर की जनसभा के बाद पीएम मोदी भगवान रघुनाथ की रथयात्रा शुरू होने से पहले कुल्लू पहुंचे। पीएम बिलासपुर से भुंतर एयरपोर्ट तक हेलिकॉप्टर से पहुंचे। वहां से उनका काफिला सड़क मार्ग से ढालपुर मैदान पहुंचा। उनके आवागमन को देखते हुए हाईवे को दूसरे वाहनों के लिए बंद कर दिया गया।
PM बोले- कई साल बाद मिला दशहरा में शामिल होने का सौभाग्य
प्रधानमंत्री मोदी कई साल बाद कुल्लू दशहरे में शामिल हुए हैं। इस दौरान उन्होंने भगवान रघुनाथ से देश के लिए दुआएं मांगी। उन्होंने रथयात्रा के दौरान सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद लिया।
रथ मैदान से करीब 10 मीटर की दूरी सजा PM का मंच
दशहरा उत्सव में PM के लिए अटल सदन के प्रांगण में बालकनी बनाई गई है। इस जगह से रथ मैदान 10 मीटर दूर है, जबकि रथ मैदान को सुरक्षा के लिहाज से चारों तरफ से होर्डिंग लगाकर कवर किया गया है।
रथ मैदान में आने वाले देवी-देवताओं और देव समाज के लोगों के लिए अलग अलग से गेट बनाए गए हैं जहां से जांच के बाद प्रवेश दिया जा रहा है। देवी देवता भी सुरक्षा कवच से होकर गुजरेंगे। SPG ने सुरक्षा को लेकर स्थानीय पुलिस और हिमाचल प्रदेश की सुरक्षा एजेंसियों को पूरा रोड़ मैप बताया है जिसका पूरा पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
लाल कृष्ण आडवाणी बन चुके दशहरा उत्सव के साक्षी
इससे पहले लाल कृष्ण आडवाणी गृह मंत्री होते हुए दशहरा उत्सव में पहुंचे थे। उसके बाद PM नरेंद्र मोदी ऐसे शख्स होंगे जो इस उत्सव का हिस्सा बनेंगे।
रथयात्रा में सभी देवी-देवता पारंपरिक बाध्य यंत्रों के साथ आगे बढ़ रहे है।