spot_img

राजस्थान में उजाले के लिए ‘हसदेव’ पर आरी:6 घंटे में 2000 पेड़ काटे, खदान का विरोध कर रहे ग्रामीण गिरफ्तार

Must Read

acn18.com अंबिकापुर/ छत्तीसगढ़ सहित देश-दुनिया के तमाम शहरों में हुए विरोध प्रदर्शन के बावजूद हसदेव के जंगलों में आरी चलना शुरू हो गई है। जिला प्रशासन के साथ ही वन विभाग और पुलिस की टीम ने मंगलवार सुबह 5 बजे से ही पेड़ों की कटाई शुरू करा दी। रफ्तार इतनी तेज है कि महज 6 घंटे में ही 2000 पेड़ धराशायी कर दिए गए। पहले फेज में 45 हेक्टेयर में जंगल काटा जाना प्रस्तावित है। इसमें करीब 8000 पेड़ हैं। इसके लिए खदान का विरोध कर रहे ग्रामीणों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

- Advertisement -
विरोध प्रदर्शन करने से पहले ही ग्रामीणों को गिरफ्तार कर लिया गया।
विरोध प्रदर्शन करने से पहले ही ग्रामीणों को गिरफ्तार कर लिया गया।
तड़के 3-4 बजे ही आंदोलनकारियों को उठा ले गई पुलिस
छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर स्थित हसदेव अरण्य के परसा ईस्ट केते बासन (PEKB) कोल माइंस के सेकेंड फेज के लिए पेड़ों को कटाई की जा रही है। पहले चरण में बासेन से बंबारू तक पेड़ काटे जाने हैं। बताया जा रहा है कि 1138 हेक्टेयर में जंगल काटा जाएगा। इससे पहले खदान का विरोध कर रहे आदिवासियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। ग्रामीणों के मुताबिक, तड़के करीब 3-4 बजे से ही पुलिस टीम आंदोलनकारियों को उनके घरों से उठा कर ले गई। सभी को अलग-अलग जगह रखा गया है।
पेड़ों की कटाई के दौरान ग्रामीणों को रोकने के लिए 500 जवान लगाए गए हैं।
पेड़ों की कटाई के दौरान ग्रामीणों को रोकने के लिए 500 जवान लगाए गए हैं।
पेड़ काटने में 600 लोग, 500 जवान लगाए गए
पेड़ काटने को लेकर जिला प्रशासन ने देर रात ही पुलिस और वन विभाग के साथ रणनीति बना ली थी। इसी के तहत ग्रामीणों को गिरफ्तार कर पेड़ों की कटाई शुरू कराई गई। इन ग्रामीणों की गिरफ्तारी परसा कोल ब्लॉक के आसपास बसे गांवों से की गई है। पेड़ काटने के लिए 20 टीमें लगाई गई हैं। इसमें 600 लोग शामिल हैं। मौके पर कलेक्टर कुंदन कुमार, एसपी भावना गुप्ता सहित अन्य अफसर मौजूद हैं। वहीं विरोध को रोकने के लिए गांवों में 500 से अधिक जवान तैनात किए गए हैं।
इन ग्रामीणों को किया गया है गिरफ्तार
जिन ग्रामीणों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उनमें पतुरियाडांड के सरपंच उमेश्वर सिंह अर्मो, घाटबर्रा के सरपंच जयनंदन सिंह पोर्ते, बासेन के सरपंच श्रीपाल सिंह और उनकी पत्नी, पुटा के जगरनाथ बड़ा, राम सिंह मरकाम, साल्ही के ठाकुर राम कुसरो, आनंद कुमार कुसरो, बासेन के श्याम लाल और उनकी पत्नी और शिव प्रसाद की पत्नी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इन आदिवासियों को गैर जमानतीय धाराओं में गिरफ्तार किया गया है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं है।
हसदेव में पेड़ों को काटते वनकर्मी।
हसदेव में पेड़ों को काटते वनकर्मी।
समृद्ध जैव विविधता वाला जंगल हो जाएगा नष्ट
छत्तीसगढ़ के कोरबा, सरगुजा और सूरजपुर जिले के बीच स्थित हसदेव समृद्ध जंगल है। करीब एक लाख 70 हजार हेक्टेयर में फैला यह जंगल अपनी जैव विविधता के लिए जाना जाता है। वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की साल 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक इस क्षेत्र में 10 हजार आदिवासी हैं। हाथी तेंदुआ, भालू, लकड़बग्घा जैसे जीव, 82 तरह के पक्षी, दुर्लभ प्रजाति की तितलियां और 167 प्रकार की वनस्पतियां पाई गई है। हसदेव को बचाने के लिए सालों से लड़ाई कर रहे छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के आलोक शुक्ला के अनुसार, जंगल कटने से यह सब नष्ट हो जाएगा।
हसदेव अरण्य में पेड़ों को काटने के लिए जिला प्रशासन के साथ वन विभाग की टीम सुबह ही पहुंच गई थी।
हसदेव अरण्य में पेड़ों को काटने के लिए जिला प्रशासन के साथ वन विभाग की टीम सुबह ही पहुंच गई थी।
राजस्थान की रोशनी के लिए कट रहे पेड़
दरअसल, हसदेव अरण्य से पेड़ों को काटने का पूरा मामला राजस्थान की बिजली से जुड़ा हुआ है। राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को परसा ईस्ट केते बासन कोयला खदान 2012 में आवंटित हुई थी। 2019 में इसके दूसरे फेज का प्रस्ताव आया था। इसमें परियोजना के लिए 348 हेक्टेयर राजस्व भूमि, 1138 हेक्टेयर वन भूमि के अधिग्रहण सहित करीब 4 हजार की आबादी वाले पूरे घाटबर्रा गांव को विस्थापित करने का प्रस्ताव है। इसको लेकर मार्च में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने CM भूपेश बघेल से रायपुर में मुलाकात भी की थी। इसके बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने अप्रैल में मंजूरी दे दी। जबकि केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय जुलाई 2019 में ही माइंस को मंजूरी दे चुका है।
राज्य से लेकर विदेशों तक में हुआ विरोध
परसा कोल माइंस के दूसरे चरण की मंजूरी के बाद हसदेव अरण्य में पेड़ों के काटे जाने को लेकर गांव से लेकर शहर और छत्तीसगढ़ से लेकर विदेशों तक में विरोध हुआ। करीब चार माह पहले अमेरिका के वाशिंगटन डीसी स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल, लंदन के प्रसिद्ध इंडिया हाउस, आस्ट्रेलिया में सिडनी ओपेरा हाउस के पास, कनाडा और ब्राजील के भारतीय दूतावासों के पास हाथ में सेव हसदेव, आदिवासी लाइव्स मैटर जैसे स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर लोगों ने प्रदर्शन किया था।
सिंहदेव के विरोध पर CM ने कहा था-एक डंगाल नहीं कटेगी
हसदेव अरण्य में पेड़ों के काटे जाने को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार के अंदर ही विरोध था। इसे लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने ही विरोध किया था। इसे लेकर वह प्रदर्शनकारी ग्रामीणों से मिलने भी गए थे। सिंहदेव ने कहा था कि उनका व्यक्तिगत मानना है कि घने जंगल का विनाश कर कोयले का खनन नहीं होना चाहिए। इसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि अगर टीएस बाबा नहीं चाहते हैं तो वहां से पेड़ क्या, एक डंगाल भी नहीं कटेगी।
377FansLike
57FollowersFollow
377FansLike
57FollowersFollow
Latest News

देवेंद्र फड़नवीस दिल्ली के लिए रवाना,रात में शाह से मिलेंगेः इसके बाद CM के नाम का ऐलान संभव; आदित्य शिवसेना ठाकरे के नेता...

Acn18.com.का अगला सीएम कौन होगा, इसका ऐलान आज रात या कल सुबह हो जाएगा। देवेंद्र फडणवीस दिल्ली रवाना हो...

More Articles Like This

- Advertisement -