acn18.com बेमेतरा। बेमेतरा जिले में एक पिता ने ही अपने बेटे को मरवा दिया। उसकी हत्या के लिए पिता-पुत्र ने 50 हजार रुपए की सुपारी दी। फिर बाहर से हत्यारे बुलवाए। हत्या का षड्यंत्र रचा और फिर हत्यारों ने युवक को शराब पिलाकर ब्लेड, कांच की बोतल और पत्थर से वार कर मार दिया। पुलिस ने इस मामले में पिता-पुत्र सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि मुख्य हत्या का आरोपी अभी फरार है। मामला बेरला थाना क्षेत्र का है।
दरअसल, 21 जुलाई को बोरिया बांध के पास बेशरम झाड़ी में एक व्यक्ति का शव पड़े होने की सूचना मिली थी। शव की शिनाख्त बेरला के वार्ड-7 निवासी धर्मेंद्र देशलहरे (32) पुत्र प्रेमचंद देशलहरे के रूप में हुई। उसके गले, जबड़े, सिर पर किसी धारदार हथियार से वार करने के निशान थे। जांच के दौरान पुलिस को मौके पर शराब की टूटी शीशी, चखना का रैपर, पत्तल मिले। फॉरेंसिक जांच में 48 घंटे के दौरान हत्या का पता चला।
CCTV फुटेज से पुलिस आरोपी तक पहुंची
इस पर पुलिस ने CCTV फुटेज से तलाश शुरू की तो 20 जुलाई को धर्मेंद्र देशलहरे के साथ उसकी बाइक पर 2 अन्य लोग बैठे दिखाई दिए। पुलिस ने दोनों की तलाश शुरू की तो तो एक की पहचान राजनांदगांव के सल्हेवारा निवासी पारस रात्रे के रूप में हुई। पुलिस पहुंची तो पता चला कि आरोपी फरार है। इस पर पुलिस ने उसके दूसरे साथी का पता लगाया। ग्रामीणों से पूछताछ में दूसरे आरोपी धमधा, दुर्ग निवासी संत कुमार बंधे का पता चला।
तेलंगाना से बुलाया बेटे की हत्या के लिए
पुलिस ने तलाश का संत कुमार बंधे को पकड़ लिया। पूछताछ में उसने बताया कि वह अपने साथी पारस रात्रे के साथ तेलंगाना में मजदूरी कर रहा था। उसी दौरान पारस के पास धर्मेंद्र के छोटे भाई रेखचंद का कॉल आया। उसने अपने भाई की हत्या के बदले 50 हजार रुपए देने की बात कही। पहले 5 हजार रुपए देकर बुलाया, फिर रेखचंद और उसके पिता ने 15 हजार रुपए एडवांस दिए। बाकी रकम काम होने के बाद देने के लिए कहा।
ब्लेड से गले पर, पत्थर से सिर पर किया वार
इस पर वे लोग 20 जुलाई को बेरला पहुंचे और धर्मेंद्र के साथ देशी शराब की दुकान गए। वहां से शराब ली, खाने के लिए मुर्गा बनवाया। इसके बाद कारोकन्या मंदिर के पीछे बेरला बांध में बेशरम झाडी के पीछे शराब पी। इसी दौरान आरोपी पारस रात्रे ने अपने पास रखा ब्लेड निकाला और धर्मेंद्र के गले पर तीन-चार बार वार किया। इसके बाद सिर पर पत्थर मारा और संतकुमार बांधे ने शराब की टूटी शीशी को धर्मेंद्र के गले में घुसा दिया।
बेटे से परेशान हो गए थे, इसलिए मरवा दिया
इसके बाद दोनों आरोपी पैदल ही धमधा की ओर गए और भाग निकले। अगले दिन रेखचंद को कॉल कर हत्या की बात कही और बाकी की रकम मांगी। रेखचंद और उसके पिता ने देवकर आकर बाकी के 30 हजार रुपए दिए। रुपए लेने के बाद दोनों ने आपस में बांटे और पारस रात्रे तेलंगाना जाने की बात कहकर चला गया। पुलिस ने रेखचंद और उसके पिता प्रेमचंद को हिरासत में ले लिया। आरोपियों ने बताया कि धर्मेंद्र शराब पीने का आदि था। घर में लड़ाई-झगड़ा करता था। परेशान होकर उसे मरवा दिया।