acn18.com दंतेवाड़ा / छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा जिले के एक नक्सल प्रभावित गांव के आदिवासी छात्र आश्रम अधीक्षक की प्रताड़ना झेल रहे है। बच्चों का आरोप है कि अधीक्षक दारू पीकर आश्रम में आते हैं। खाना मांगने पर समय से नहीं देते हैं और न ही साबुन, तेल जैसी जरूरतें पूरी करते हैं। सिर्फ दारू पीकर गालियां देते हैं। यदि खाना मिलता भी है तो सिर्फ दाल और चावल दिया जाता है। उसे भी पेट भर नहीं खिलाते हैं। बच्चों समेत ग्रामीणों ने इस मामले की शिकायत दंतेवाड़ा कलेक्टर विनीत नंदनवार और सहायक आयुक्त से की है।
दरअसल, यह मामला कटेकल्याण ब्लॉक के नक्सल प्रभावित गांव गुड़से के आश्रम शाला का है। साल 2013-14 में यहां 100 सीटर आश्रम शाला का शुभारंभ किया गया था। वर्तमान में इस 100 आश्रम में 30 बच्चे रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। ग्रामीणों और बच्चों का कहना है कि आश्रम अधीक्षक धीरज कुमार नाग का बर्ताव सही नहीं रहता। इसलिए कई बच्चे या तो पढ़ाई छोड़ रहे हैं या फिर घर जाने के बाद दोबारा आश्रम नहीं आ रहे। यदि गांव के ग्रामीण अधीक्षक के इस रवैया का विरोध करते हैं तो उनके साथ भी बुरा बर्ताव किया जाता है।
नए अधीक्षक की मांग
गांव के ग्रामीणों ने अधीक्षक का विरोध किया है। सभी कलेक्टर और सहायक आयुक्त से मिलने जिला मुख्यालय भी पहुंचे। ग्रामीणों और बच्चों ने आश्रम अधीक्षक को हटाने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों के भविष्य को देखते हुए अधीक्षक धीरज कुमार नाग को हटाया जाए। इनकी जगह किसी दूसरे अधीक्षक की नियुक्ति की जाए। इधर, इस मामले में दंतेवाड़ा के सहायक आयुक्त आनंदजी सिंह ने कहा कि, शिकायत मिली है। मामले की जांच की जा रही है।