ACN18.COM कोरबा/ एशियन ओपन विल स्टार्क प्रजाति के प्रवासी पक्षियों की पहुंच कोरबा जिले में पिछले कई वर्षों से होती आ रही है । पक्षियों ने खास तौर पर अपने रहने के लिए कनकी के ऐतिहासिक मंदिर के परिसर को चुन रखा है। कुछ मौकों पर पक्षियों के साथ दुर्घटनाएं हुई है इसलिए वन विभाग ने सुरक्षा के लिए यह जरूरी प्रबंध किए हैं। दावा किया जा रहा है कि इस प्रयास के बाद पक्षियों के साथ अनहोनी कम हुई है।
श्रावण मास में कनकी के कनकेश्वर धाम में आयोजित होने वाले उत्सव के अलावा महाशिवरात्रि के मौके पर अनुष्ठान को लेकर यहां की विशेष पहचान बनी हुई है। काफी समय से कनकी उसको धार्मिक केंद्र के रूप में पहचाना जाता रहा है लेकिन बीते एक दशक में इसे पक्षियों के आश्रय स्थल के रूप में जाना जा रहा है। साइबेरिया के एशियन ओपन विल स्टार्क प्रजाति के पक्षियों ने प्रजनन काल के लिए इस जगह को चुना हुआ है। अपनी संख्या में विस्तार करने के साथ पक्षी यहां से अपने देश लौट जाते हैं अगले वर्ष के लिए। देखने को मिला कि मंदिर परिसर में लगे पक्षियों के घरोंदे के पास ही हाईटेंशन लाइन गुजरती है और कई मौकों पर करंट की चपेट में आने के साथ पक्षियों की मौत हो गई। ऐसी घटनाओं से ग्रामीणों के साथ साथ वन विभाग की परेशानी बढ़ी। इस मामले को गंभीरता से लेने के साथ पक्षियों की सुरक्षा को लेकर विचार किया गया और पीपल के वृक्ष के नीचे जाली लगाने की व्यवस्था की गई है। ऐसा इसलिए किया गया ताकि अप्रत्याशित होने पर पक्षी जमीन के बजाय जाली पर आकर ठहर सके। स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि ऐसा होने पर पक्षियों को वापस ऊपर पहुंचा दिया जाता है ताकि वह अपने कुनबे के साथ संरक्षित हो सके।
वन मंडल कोरबा के करताला रेंज के द्वारा स्थानीय स्तर पर प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा को लेकर लगातार कोशिश की जा रही है। वन विभाग ने मौके पर प्रवासी पक्षियों को लेकर जानकारी देने वाला सूचना पटल भी लगा रखा है ताकि कोई भी व्यक्ति पक्षियों से छेड़छाड़ न कर सके। वन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि उनको जिले में जैव विविधता का काफी बड़ा संसार मौजूद है और यहां कई तरह की वनस्पति के साथ-साथ जीव जंतु उपलब्ध है। यह सभी इस बात को दर्शाते हैं कि जीवो के लिए यहां आदर्श वातावरण प्राप्त है और वे इसे अपने लिए अनुकूल मानते हैं।
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