ACN18.COM अमरनाथ गुफा, जम्मू-कश्मीर/ अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से अब तक 15 लोगों की मौत हो गई है। 45 लोग अभी लापता हैं। सेना ने शनिवार सुबह रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया। 6 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया। उधर, माउंटेन रेस्क्यू टीम लापता लोगों की तलाश में जुट गई है।
अमरनाथ यात्रा के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की हिम्मत में कोई कमी नहीं आई है। शुक्रवार की देर रात को अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का एक नया जत्था जम्मू बेस कैंप से कश्मीर के बालटाल और पहलगाम बेस शिविरों के लिए रवाना हुआ। एक तीर्थ यात्री ने कहा कि हम पहलगाम की ओर जा रहे हैं। भगवान भोलेनाथ सभी तीर्थयात्रियों की रक्षा करेंगे। हालांकि, बालटाल और पहलगाम के आगे यात्रा को रोक दिया गया है।
बादल फटने की घटना पवित्र गुफा के एक से दो किलोमीटर के दायरे में हुई
अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम 5 बजकर 30 मिनट बादल फटा था। जिस समय बादल फटा, उस समय गुफा के पास 10 से 15 हजार श्रद्धालु मौजूद थे। इस घटना में मरने वालों में 3 महिलाएं भी शामिल हैं।
ITBP ने बताया कि 15 हजार लोगों को पवित्र गुफा के पास से सुरक्षित पंचतरणी ले जाया गया है।
बादल फटने के कारण पहाड़ों से तेज बहाव के साथ आए पानी से श्रद्धालुओं के लिए लगाए गए करीब 25 टेंट और दो से तीन लंगर बह गए। बारिश से पूरे इलाके में तेजी से पानी भर गया और कई लोग इसकी चपेट में आ गए। कई श्रद्धालु लापता हैं और उनके तेज बहाव में बहने की आशंका है।
अमरनाथ श्राइन बोर्ड, जम्मू-कश्मीर पुलिस और NDRF ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए
- 0194 2313149
- 0194 2496240
- 9596779039
- 9797796217
- 01936243233
- 01936243018
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अमरनाथ यात्रा पर दैनिक भास्कर की स्पेशल रिपोर्ट्स आप यहां पढ़ सकते हैं..
- हर-हर महादेव जयकारे के साथ अमरनाथ यात्रा 30 जून की सुबह बालटाल और पहलगाम से शुरू हुई। पहले जत्थे में 4,890 श्रद्धालु दर्शन के लिए निकले। यात्रा के दौरान सुरक्षा के बेहद कड़े प्रबंध किए गए हैं। हर 5 कदम पर पुलिस का जवान तैनात है
- अमरनाथ यात्रा पर स्टिकी बम हमले का खतरा मंडरा रहा है। खुफिया एजेंसियों ने बताया कि अमरनाथ यात्रियों को ले जाने वाले वाहनों पर स्टिकी बम से हमला हो सकता है। यह जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने अपने सिक्योरिटी प्लान में बदलाव कर दिया है। सिक्योरिटी एजेंसी ने गाड़ियों के मूवमेंट के प्लान में बड़ा बदलाव किया है।
- अमरनाथ यात्रियों को मंत्री-मुख्यमंत्री जैसी सुरक्षा दी जाती है। जैसे ही अमरनाथ यात्रा के लिए जा रहे श्रद्धालु कश्मीर में एंट्री लेते हैं, पूरे शहर का ट्रैफिक रोक दिया जाता है। चौराहों, गली के मुहानों, छतों, बाजारों में सुरक्षाबलों के जवान भारी संख्या में दिखने लगते हैं। हर दूसरे घर की छत पर स्नाइपर्स तैनात किए जाते हैं।
- अमरनाथ में बादल फटा:3 महिलाओं समेत 13 की मौत, 25 टेंट बहे; 45 श्रद्धालु फंसे, यात्रियों को पंचतरणी ले जाया गया