ACN18.COM भुवनेश्वर / विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथउत्सव 1 जुलाई से आरंभ हो चुका है। कोरोना महामारी के कारण बीते दो साल रथयात्रा का उत्सव भव्य आयोजन नहीं हो रहा था, लेकिन इस साल देशभर से लाखों भक्त शुक्रवार को पुरी शहर के जगन्नाथ मंदिर में प्रभु जगन्नाथ और उनके भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा के लकड़ी के रथों को खींचने के लिए पहुंचे हैं।
जयकारों से गूंजा शहर
हवा में गूंजते हुए ‘जय जगन्नाथ’ के मंत्रों के साथ, त्रिदेव- भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा को 12वीं शताब्दी के मंदिर से उनके रथों में एक विशेष अनुष्ठान पहंडी बीजे में ले जाया गया। रथों को खींचने के दौरान जगन्नाथ मंदिर के सेवक ढोल, झांझ, शंख बजाने के साथ ही और उनके नामों के जयकारे लगाते हैं।
रंग-बिरंगे सजे तीनों रथ
शुक्रवार को सुबह साढ़े तीन बजे भगवान जगन्नाथ की मंगला आरती और मैलामा नीति के साथ तीन देवताओं की पूजा तय समय से तीन घंटे पहले शुरू हो गई। सबसे पहले चक्रराज सुदर्शन को नंदीघोष रथ पर ले जाया गया, उसके बाद भगवान बलभद्र की पहाड़ी को तलध्वज रथ, सुभद्रा को दर्पदलन रथ और जगन्नाथ को नंदीघोष रथ तक पहुंचाया गया। तीनों रथों को रंग-बिरंगे वस्त्रों से सजाया गया है।
रथ यात्रा ओडिशा के मुख्य त्योहारों में से एक है जो भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों की 12 वीं शताब्दी के जगन्नाथ मंदिर से 2.5 किमी दूर गुंडिचा मंदिर में उनकी मौसी के निवास तक की वार्षिक यात्रा की याद दिलाता है। गुंडिचा मंदिर वह स्थान है जहां कहा जाता है कि जगन्नाथ ने वह रूप धारण किया था जिसमें वर्तमान में उनकी पूजा की जाती है। रथ यात्रा एकमात्र ऐसा समय है जब भगवान जगन्नाथ अपने पवित्र निवास से बाहर आते हैं ताकि सभी धर्मों के लोग उन्हें देख सकें क्योंकि नियमित दिनों में केवल हिंदुओं को ही मंदिर में जाने की अनुमति होती है।
भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
भारी भीड़ को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। करीब एक हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी मंदिर व शहर में तैनात किए गए हैं। जिसमें कम से कम तीन पुलिस महानिरीक्षक एक अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक देखरेख कर रहे हैं। भीषण गर्मी को देखते हुए भक्तों के लिए दमकल के 10 पंप लगाए गए हैं। भीड़ की आवाजाही पर नजर रखने के लिए मुख्य सड़क के किनारे 50 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। एक एम्बुलेंस कॉरिडोर बनाया गया है और जरूरत पड़ने पर बचाव कार्यों के लिए पुरी समुद्र तट पर लगभग 500 जीवन रक्षक तैनात किए गए हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और अन्य मंत्रियों ने इस अवसर पर आम जनता को बधाई दी है।