ACN18.COM कोरबा / ग्रामीण विकास पर सरकार का फोकस है। मगर स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस क्षेत्र में रुचि नहीं ले रहे है। करोड़ो रुपए पानी की तरह बताया जा रहा है मगर कोरबा जिले के अधिकाश गांव आज भी विकास से कोसों दूर हैं। ग्रामीण मूल भूत सुविधा के लिए तरस रहे है।
गली में कीचड़, बदहाल विद्युतीकरण, पानी के लिए संघर्ष, ये तमाम समस्याएं कुरूडीह के ग्रामीणों का मुकद्दर बन गई है। डेढ़ दशक बाद भी गांव की गलियां कच्ची हैं। गर्मी में पथरीले रास्ते पर चलने की मजबूरी और बारिश में कीचड़ और जल भराव को पार करने की चुनौती बरकरार रहती है।
गांव के इसी मोहल्ले में पूर्व सरपंच का निवास है। कार्यकाल बीत गया मगर उन्हें भी ग्रामीणों की समस्या से कोई सरोकार नहीं रहा। अब नए सरपंच का हाल भी वही है। इस गांव में बिजली की विकट समय है। बारिश का मौसम आते ही बिजली की आंख मिचौली शुरू हो जाती है। बिजली के बगैर न ही बच्चे अच्छे से पढ़ पाते है और न अन्य जरूरी काम होता है। पीने के पानी के लिए भी लोगो को संघर्ष करना पड़ता है।
चुनाव के वक्त यहां नेताओं को भीड़ लग जाती है। मगर उसके बाद कोई नजर नहीं आता। जिम्मेदार अधिकारी भी शासन की योजनाओ के क्रियान्वयन को लेकर गंभीर नहीं है। यही वजह है कि कुरुडीह के ग्रामीणों को अपने हक के लिए सरकार का मुंह ताकना पड़ रहा है।
झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ कोरबा ने डॉ. महतो की जन्मजयंती पर किया उन्हें याद