ACN18.COM कोरबा /प्रदेश के अन्य जिलों की तरह कोरबा में भी आम का बंपर उत्पादन हुआ है। ग्राम पताढ़ी में मौजूद वन विभाग के शासकीय फलोद्यान में कई प्रजातियों के आम लगाए गए थे जिनकी फसल अब तैयार हो गई है। लोकल आम को लेने के लिए व्यापारी भी बड़ी संख्या में सामने आ रहे है। स्थानीय फसल होने के कारण यह आम बाहरी आमों से सस्ता भी मिल रहा है।
छत्तीसगढ़ के साथ ही पूरे देश में कोरबा की पहचान उर्जाधानी के रुप में होती है। आने वाले समय में इसकी पहचान आमों के कारण भी होने लगेगी। क्योंकि यहां आम की बंपर खेती हो रही है। वन विभाग के शासकीय फलोद्यान में इस बार आम की जमकर पैदावार हुई है। स्थानीय फसल होने के कारण इसकी काफी मांग है और लोग इसे हाथों हाथ खरीद भी रहे है। पताढ़ी स्थित फलोद्यान में इसकी खेती की गई है। फालोद्यान को ठेके में लेने वाले लोग बताते हैं यहां आम के लंगड़ा,दशहरी,चौसा , आम्रपाली सहित और भी कई तरह के पेड़ मौजूद हैं जिनकी देखरेख उनके द्वारा की जाती है। यहां ली गई फसल पककप पूरी तरह से तैयार है और उसे तोड़कर बिक्री भी की जा रही है। उन्होंने बताया,कि बाहर के आमों से यह 20 से 25 रुपए प्रति किलो सस्ता भी है। आम तौर पर बाहर की फसल चार से पांच दिन में आती है जिससे नुकसान का डर बना रहता है। लेकिन पेड़ से टूटने के बाद तत्काल फसल मिल जाने से कारोबारियों को भी लाभ हो रहा है।
बदलते दौर के साथ ही कोरबा में अब हर तरह की फसल ली जा हरी है। फूलों के साथ-साथ आम की पैदावार से किसान आर्थिक रुप से मजबूत भी हो रहे है। लोगों का मानना है,कि आने वाले सालों में निश्चित रुप से आम की पैदावार बढ़ेगी।
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