spot_img

दिल्ली नगर निगम की इस पहल को केंद्र ने भी सराहा, देश के बाकी नगर निगमों को ऐसा करने की दी सलाह, जानें पूरी बात

Must Read

ACN18.COM नई दिल्ली । स्टोर में कबाड़ के रूप में पड़ा बेंच, पंखे, रेहड़ी, वाहनों के पुर्जे के रूप में पड़ा सामान निगम के लिए मुसीबत बन रहा था। यह सामान तो निस्तारित नहीं हो पा रहा था और रोज-रोज इसमें बढ़ोत्तरी ही हो रही थी। इसी बीच निगम को कबाड़ से सात अजूबे ( स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (न्यूयार्क), ताज महल (भारत), गीजा का पिरामिड (मिस्त्र), एफिल टॉवर (पेरिस, फ्रांस), क्राइस्ट दी रिडीमर (ब्राजील), लीनिंग टावर ऑफ पीसा (इटली), कोसोलियम आफ रोम हैं ) बनाने ख्याल आया। जिसके बाद निजामुद्दीन के पास करीब छह एकड़ के पार्क में निगम ने वेस्ट टू वंडर पार्क बनाकर कबाड़ को निस्तारित करने का ऐसा माडल बना दिया जिससे देश को स्वच्छ पर्यावरण के लिए काम करने दिशा मिल गई है।

- Advertisement -

निगम की इस पहल को केंद्र सरकार ने सराहते हुए स्वच्छता रैकिंग में सुधार के लिए ऐसे पार्क बनाने के लिए कहा है। जो निगम ऐसे पार्क बनाकर जीयो टैगिंग कर देगा उसे 100 नंबर मिलेंगे। जिससे उन्हें अपनी रैकिंग को बेहतर करने में मदद मिल सकती है। देशभर में 3723 शहरी निकाय हैं, ऐसे में केंद्र सरकार की पहल के बाद सभी निकाय कम से कम एक पार्क भी वेस्ट टू वंडर की तर्ज पर बनाते हैं।

55 लाख टन से ज्यादा कबाड़ राजस्व का स्थायी माध्यम बन सकता है। निगम के वेस्ट टू वंडर पार्क में 150 टन लोहे का कबाड़ लगा था। हालांकि दिल्ली में वेस्ट टू वंडर के बाद भारत दर्शन पार्क भी बनाया जा चुका है। जिसमें भारत के प्रमुख पर्यटन एवं तीर्थ स्थलों की कुल 23 प्रतिकृतिया लोहे के कबाड़ से बनाई गई है।

तीन पार्क हैं अभी ओर प्रस्तावित

निगम के वेस्ट टू वंडर पार्क को मिली लोकप्रियता को देखते हुए दिल्ली नगर निगम ने तीन और ऐसे पार्क बनाना प्रस्तावित किया है। जिसकी मंजूरी भी पहले ही मिल चुकी है। इसमें बलिदानियों को समप्रित शहीदी पार्क, सिनेमा का इतिहास बताता वालीवुड पार्क, देश के तीज और त्यौहारों को बताने वाला सेलिब्रेशन पार्क बनाना प्रस्तावित है। दो पार्क मध्य दिल्ली में बनाए जाएंगे जबकि एक पार्क पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर में बनाया जाएगा।

राजस्व का बना माडल अब ज्यादा होगी आय

केंद्र सरकार द्वारा सभी शहरी निकायों को वेस्ट टू वंडर की तर्ज पर पार्क बनाने के सुझाव से देशभर में यह पार्क बनाए जाएंगे। इससे निगम के एमसीडी के पास दूसरे राज्यों के नगर निगम संपर्क करने लग गए हैं। ऐसे में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग(सीपीडब्ल्यूडी) के दिशा-निर्देश के अनुसार वह परियोजना के कार्य की कुल लागत का पांच प्रतिशत परामर्श के तौर पर लेंगे। क्योंकि निगम को ही इसमें विशेषज्ञता हासिल हैं। वहीं दिल्ली में इन पार्कों में प्रवेश के लिए टिकट लगाने से निगम को प्रतिवर्ष करोड़ों की आय हो रही है। वेस्ट टूं वडर के निर्माण में निगम को आठ करोड़ की लागत आई थी। जिसे निगम ने एक वर्ष में ही पूरा कर लिया था।

बिहार के समस्‍तीपुर में फंदे से लटकते मिले परिवार के पांच सदस्‍य, कारण जान स्‍तब्‍ध हो जाएंगे आप

377FansLike
57FollowersFollow
377FansLike
57FollowersFollow
Latest News

ओम फ्लैट्स के सुरक्षा गार्ड जेठू राम की हादसे में मौत भुगतान के लिए ठेकेदार महेश दुबे के लगां रहा था चक्कर

acn18.com/  कोरबा के रामपुर क्षेत्र में रहने वाले जेठू राम साहू की बाइक की ठोकर से मौत हो गई।...

More Articles Like This

- Advertisement -