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कोरोना की चौथी लहर का खतरा मंडराया; राजस्थान में 155%, MP में 132% केस बढ़े और दिल्ली में बेकाबू

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ACN18.COMनई दिल्ली/देश में कोरोना केस पिछले 4 हफ्ते से लगातार बढ़ रहे हैं। दिल्ली कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुआ है। 25 अप्रैल से 1 मई के बीच देश में 22 हजार से ज्यादा नए मरीज मिले हैं। यह मामले इसके पहले हफ्ते में मिले 15 हजार केस से 41% ज्यादा है।

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देश में मिल रहे केस में से 68% अकेले 3 राज्यों दिल्ली, हरियाणा और UP से हैं। दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट 7% से ऊपर है। यानी WHO की नजर में यहां संक्रमण बेकाबू है। ऐसे में देश में कोरोना की चौथी लहर आने की खबरें भी सामने आ रही हैं, लेकिन क्या देश में चौथी लहर का कारण दिल्ली ही होगी?

देश के दो और राज्यों राजस्थान और MP में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। राजस्थान में पिछले हफ्ते के मुकाबले कोरोना केस 155% और MP में 132% बढ़े हैं, जो नए खतरे का संकेत हैं।

किन राज्यों में सबसे ज्यादा कोरोना केस बढ़ रहे हैं?
देश में 25 अप्रैल से 1 मई के बीच कुल 22,200 नए मरीज मिले हैं। यह केस इसके पहले हफ्ते में मिले 15,800 केस से 41% ज्यादा है। वहीं 5 मई को देश में 3 हजार से ज्यादा कोरोना के मामले आए हैं। जबकि एक्टिव केस करीब 20 हजार हो गए हैं।

दिल्ली : 11 में से 7 जिलों में पॉजिटिविटी रेट 5% से ज्यादा
दिल्ली में हर दिन कोरोना के औसतन एक हजार केस मिल रहे हैं। इस हफ्ते दिल्ली में कोरोना के 9,684 केस मिले हैं। देश में मिल रहे कुल मामलों का यह 43% है। पिछले हफ्ते दिल्ली में 6,326 कोरोना केस मिले थे। यानी इस हफ्ते 53% की बढ़ोतरी हुई है।

दिल्ली के 11 में से 7 जिलों में वीकली पॉजिटिविटी रेट 5% से ज्यादा है। साउथ दिल्ली में 8.83%, वेस्ट दिल्ली में 7.95%, नॉर्थ वेस्ट में 7.73%, ईस्ट दिल्ली में 7.25%, साउथ वेस्ट दिल्ली में 6.42%, नई दिल्ली में 6.24% और सेंट्रल दिल्ली में वीकली पॉजिटिविटी रेट 5.55% है।

आमतौर पर पॉजिटिविटी रेट 4% से 5% तक हो तो स्थिति नियंत्रित मानी जाती है, लेकिन WHO कहता है कि यदि यह 5% से ज्यादा है तो स्थिति बेकाबू हो चुकी है।

मध्य प्रदेश : एक्टिव केस 200% बढ़े
इस हफ्ते MP में 172 कोरोना मरीज मिले हैं। यह पिछले हफ्ते मिले 74 मरीजों से 132% ज्यादा है। इसके साथ ही राज्य में पिछले एक हफ्ते में एक्टिव केस 200% तक बढ़ गए हैं। 26 अप्रैल को यहां कोरोना के सिर्फ 75 एक्टिव केस थे जबकि 27 अप्रैल से 3 मई के बीच यह 203 हो गए। MP में एक हफ्ते पहले जहां सिर्फ 18 ऐसे जिले थे जिनमें एक्टिव केस थे, वहीं अब 21 जिलों में कम से कम एक एक्टिव केस है।

राजस्थान : सबसे ज्यादा एक्टिव केस जयपुर में
राजस्थान में 25 अप्रैल से 1 मई के बीच कोरोना के कुल 360 मामले आए हैं। यह इसके पहले हफ्ते आए 141 केस से 155% ज्यादा है। राजस्थान में कोरोना के एक्टिव केस 500 के करीब हैं। जयपुर में 300 से ज्यादा एक्टिव केस हैं। राजस्थान में 5 मई को भी कोरोना के 63 नए केस मिले हैं।

UP और हरियाणा : इस हफ्ते भी कोरोना केस बढ़े
नेशनल कैपिटल रीजन, यानी NCR में इस हफ्ते भी कोरोना केस में बढ़ोतरी देखी गई है। हरियाणा में इस हफ्ते कोरोना के 3,695 नए केस आए जो पिछले हफ्ते की तुलना में 2,296 से 61% ज्यादा हैं। वहीं UP में इस हफ्ते 1,736 केस मिले। यह पिछले हफ्ते मिले 1,278 केस से 36% ज्यादा हैं।

महाराष्ट्र और केरल में भी केस बढ़ रहे
केरल में पिछले हफ्ते के मुकाबले इस हफ्ते कोरोना के 2 हजार नए केस आए हैं, जो पिछले हफ्ते से ज्यादा हैं। वहीं महाराष्ट्र में इस हफ्ते 1,060 नए मरीज मिले हैं, जबकि पिछले हफ्ते 996 केस दर्ज किए गए थे। इसके अलावा कर्नाटक, तमिलनाडु, बंगाल, तेलंगाना, पंजाब और उत्तराखंड में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

कोरोना की चौथी लहर को लेकर कितना खतरा है?
देश में कोरोना केस बढ़ने से चौथी लहर की चर्चा शुरू हो गई है। सवाल यह उठ रहा है कि आखिर फिर से कोरोना केस बढ़ने की वजह क्या है? हम आज इन्हीं सवालों के जवाब एक्सपर्ट और नई रिसर्च के जरिए बताएंगे।

WHO प्रमुख : आगे क्या होगा कुछ कह नहीं सकते
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO प्रमुख टेड्रोस गेब्रेयेसस ने कहा है कि ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट BA.4, BA.5 अभी भी म्यूटेट हो रहे हैं। ऐसे में आगे क्या होगा इसे लेकर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा कि ये नए सब-वेरिएंट अन्य ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट की तुलना में कितने खतरनाक हैं अभी यह जांच का विषय है।

WHO प्रमुख ने कहा कि ओमिक्रॉन का BA.2 वैरिएंट अभी भी दुनियाभर में नए कोरोना केस आने का सबसे बड़ा कारण है। इसके सब वैरिएंट BA.4 और BA.5 की वजह से साउथ अफ्रीका में भी कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। कई देशों में हम यह देख रहे हैं कोरोना वायरस कैसे म्यूटेट हो रहा है। ऐसे में हम नहीं जानते कि आगे क्या होगा।

नई रिसर्च : गर्मियों में तबाही मचा सकता है डेल्टा या कोई नया वैरिएंट
यूरोप और एशिया के कई देशों में कोरोना की चौथी लहर ने तबाही मचाई हुई है। इजराइल में हुई एक नई रिसर्च में बताया गया है कि इस गर्मी में डेल्टा या कोरोना का कोई नया वैरिएंट नया प्रकोप ला सकता है। यह रिसर्च साइंस ऑफ द टोटल एनवायरनमेंट जर्नल में प्रकाशित हुई है।

रिसर्च में बताया गया है कि जब कोई नया स्ट्रेन आता है, तो पिछला स्ट्रेन खत्म हो जाता है, लेकिन डेल्टा के मामले ऐसा नहीं हुआ। ओमिक्रॉन और उसके सब वैरिएंट आने के बाद भी डेल्टा खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में डेल्टा गर्मियों में एक बार फिर से घातक रूप ले सकता है। रिसर्च ने अपने अध्ययन के लिए नाले से सैंपल लिए और उन्होंने पाया कि डेल्टा अभी खत्म नहीं हुआ है, बेशक ओमिक्रॉन बढ़ गया हो।

एक्सपर्ट : भारत में भी चौथी लहर आने की आशंका बनी हुई है
अपने स्टैटिस्टिकल मेथेड से देश में 22 जून तक चौथी लहर आने की भविष्यवाणी करने वाले IIT कानपुर के प्रोफेसर शलभ ने चौथी लहर को लेकर कहा कि ये कहना अभी बहुत जल्दबाजी होगी कि केस का बढ़ना चौथी लहर का संकेत है। ये पूछे जाने पर कि क्या भविष्य में चौथी लहर आ सकती है? प्रो. शलभ ने कहा कि इसकी आशंका ज्यादा है।

कोरोना पर कई सटीक भविष्यवाणी करने वाले IIT कानपुर के प्रोफेसर मनींद्र अग्रवाल ने चौथी लहर आने के सवाल पर कहा कि अभी मुझे चौथी लहर आने की कोई आशंका नहीं है।

देश में पाबंदियां हटने से बढ़ रहे कोरोना केसेज
एक्सपर्ट्स देश में फिर से कोरोना केस बढ़ने पर कहते हैं कि सारी पाबंदियां हट गई हैं, ऑफिस खुल गए हैं, बच्चे स्कूल जाने लगे हैं। पाबंदियां हटने की वजह से ही मामले बढ़े हैं। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये तीसरी लहर के बाद का उतार-चढ़ाव है, जिसकी वजह से हाल ही में कई यूरोपीय देशों में भी केस अचानक बढ़ने लगे थे।

सरकार ने 31 मार्च से देश में कोरोना पाबंदियां खत्म कर दी थीं और सार्वजनिक जगहों पर मास्क न पहनने पर जुर्माने का प्रावधान खत्म कर दिया गया था।

भारत में अभी BA.2 या स्टेल्थ ओमिक्रॉन ही डॉमिनेंट वैरिएंट
देश में ओमिक्रॉन की वजह से तीसरी लहर आई थी। Ourworldindata के मुताबिक, अप्रैल तक देश में नए कोरोना केसेज में से 100% के लिए ओमिक्रॉन जिम्मेदार था। पिछले कुछ महीनों में ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट BA.2 या स्टेल्थ ओमिक्रॉन भारत समेत पूरी दुनिया में तेजी से फैला है।

पिछले कुछ दिनों में दुनिया में सामने आए कुल कोरोना केसेज में से करीब 94% के लिए BA.2 ही जिम्मेदार था।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, भारत में अभी BA.2 या स्टेल्थ ओमिक्रॉन ही डॉमिनेंट वैरिएंट है और अधिकतर नए मामलों के लिए जिम्मेदार है। ओमिक्रॉन का BA.2 सब स्ट्रेन ओमिक्रॉन के ओरिजिनल स्ट्रेन से डेढ़ गुना ज्यादा संक्रामक है। चीन और कई यूरोपीय देशों में हाल के दिनों में केसेज बढ़ने के पीछे BA.2 को ही जिम्मेदार है।

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