ACN18.COM देहरादून/बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में प्रदेश सरकार ने क्षमता के अनुसार प्रतिदिन दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या तय कर दी है। इस संबंध में शासन ने आदेश जारी किए हैं। यह व्यवस्था यात्रा सीजन के पहले 45 दिनों के लिए बनाई गई है। कोविड महामारी के दो साल बाद चारधाम यात्रा को लेकर लोगों में भारी उत्साह है। इस बार बहुत बड़ी संख्या में यात्रियों के चारधाम आने की संभावना है। आगामी तीन मई को अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा शुरू होगी। जबकि केदारनाथ के कपाट 6 मई और बदरीनाथ के 8 मई को कपाट खुलेंगे। कोरोना महामारी के चलते दो साल बाद चारधाम यात्रा पूर्ण रूप से संचालित हो रही है। इस बार चारधामों के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। चारधामों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने मंदिर परिसर की क्षमता और ठहरने की व्यवस्था के आधार पर दर्शन के लिए यात्रियों की अधिकतम संख्या तय की है।
सचिव धर्मस्व हरिचंद्र सेमवाल ने चारधामों में प्रतिदिन दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या तय करने के आदेश जारी किए हैं। आदेश के मुताबिक तीन मई से शुरू हो रही चारधाम में पहले 45 दिनों के लिए श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित की गई है।
केदारनाथ में एक दिन में 12 हजार श्रद्धालु
केदारनाथ धाम में 12 हजार, बदरीनाथ में 15 हजार, गंगोत्री में सात हजार, यमुनोत्री धाम में एक दिन में चार हजार श्रद्धालुओं को दर्शन कर सकेंगे। तीन से 31 मई तक चारधाम यात्रा के लिए 2.29 लाख से अधिक यात्री पंजीकरण करा चुके हैं।
रात 10 बजे से सुबह चार बजे तक प्रतिबंधित रहेगा यातायात
चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यात्रा मार्गों पर रात 10 बजे से सुबह चार बजे तक वाहनों का आवागमन प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए पर्यटन विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य होगा। यात्रा के दौरान कोविड के अनुरूप व्यवहार का पालन करना होगा।
चारधाम यात्रा के लिए 31 मई तक पंजीकरण की स्थिति
धाम पंजीकरण
केदारनाथ 85456
बदरीनाथ 64157
गंगोत्री 39229
यमुनोत्री 39542
श्रद्धालुओं को मिलेगी पांवों में मसाज की सुविधा
वहीं चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु इस बार फुट मसाज थैरेपी से थकान दूर कर सकेंगे। पर्यटन विभाग की ओर से उत्तरकाशी व रुद्रप्रयाग जिले में स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए फुट मसाज थैरेपी का प्रशिक्षण दिया गया है। जो आगामी यात्रा सीजन में केदारनाथ और यमुनोत्री धाम की पैदल यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को फुट मसाज की सुविधा देंगे।
चारधाम यात्रा में केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को पैदल चलना पड़ता है। कई किलोमीटर पैदल यात्रा करने से श्रद्वालु थक जाते हैं। पैरों के लिए आराम की जरूरत होती है। अभी तक केदारनाथ व यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं को फुट मसाज की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मसाज थैरेपी का प्रशिक्षण दिलाने की पहल की थी। जिससे वैष्णों देवी की तर्ज पर श्रद्धालुओं को फुट मसाज थैरेपी की सुविधा मिल सके।
पर्यटन विभाग की ओर से रुद्रप्रयाग व उत्तरकाशी जिले में सौ से अधिक स्थानीय लोगों को मसाज थैरेपी का प्रशिक्षण दिया गया है। हाल ही में उत्तरकाशी जिले के दुर्बिल, नेशनी, पिंटकी मधेश, दांगुड गांव, बाडिया गांव, राणा गांव, कुठार गांव के 70 लोगों को उत्तराखंड आयुर्वेद विश्विद्यालय के सहयोग से फुट मसाज थैरेपी प्रशिक्षण दिया गया।
पर्यटन विभाग की अपर निदेशक पूनम चंद ने कहा कि तीन मई से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। मार्गों में फुट मसाज थेरैपी के माध्यम से आने वाले श्रदालुओं को आराम मिलेगा। साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा।