ACN18.COM बिलासपुर / छत्तीसगढ़ में गर्मियों के दिनों में ‘बोरे बासी’ सबसे पसंदीदा भोजन में से एक है। राज्य में पहली बार बोरे बासी को लेकर काफी चर्चा हो रही है। 1 मई यानी मजदूर दिवस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों से बोरे बासी खाने की अपील की है। इसके बाद से ही इसकी तैयारी शुरू हो गई है। छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के गढ़ कलेवा में भी रोजाना 250 लोगों के हिसाब से बोरे बासी बनाई जा रही है। इस बार मुख्यमंत्री कि अपील पे मजदूर दिवस को खास अंदाज में मनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री कि अपील पर मजदूर दिवस के अवसर पर अपने आहार और संस्कृति के गौरव की अनुभूति के लिए देश-विदेश के कोने-कोने में बसे राज्य के लोग बोरे-बासी खाकर श्रम का सम्मान करेंगे।
कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर ने खाया बोरे-बासी
इसी सिलसिले में आज बिलासपुर कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर ने छत्तीसगढ़ी अंदाज में मजदूर दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा बोरे-बासी खाकर छत्तीसगढ़ के अपने श्रमिक भाइयों और बहनों को सम्मान दें। जो इस सुपरफूड का सेवन कर पूरी ताकत और शक्ति के साथ राज्य के विकास के लिए दिन-रात काम करते हैं।
छग सरकार अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के मौके पर आज बोरे बासी भोज का आयोजन करने जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के लोगों से बोर बासी खाने की अपील की है। बघेल भी रायपुर के शंकर नगर स्थित बीटीआइ मैदान में आयोजित प्रदेश स्तरीय श्रमिक सम्मेलन में श्रमिकों के साथ बोरे बासी खाएंगे। बोरे बासी राज्य की संस्कृति से जुड़ा हुआ है, लेकिन आधुनिकता की दौड़ में नई पीढ़ी इसे भूल रही है। मुख्यमंत्री ने राज्य की संस्कृति और परंपराओं को पुनर्जीवित करने का काम कर रहे हैं।
छग सरकार अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के मौके पर आज बोरे बासी भोज का आयोजन करने जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के लोगों से बोर बासी खाने की अपील की है। बघेल भी रायपुर के शंकर नगर स्थित बीटीआइ मैदान में आयोजित प्रदेश स्तरीय श्रमिक सम्मेलन में श्रमिकों के साथ बोरे बासी खाएंगे। बोरे बासी राज्य की संस्कृति से जुड़ा हुआ है, लेकिन आधुनिकता की दौड़ में नई पीढ़ी इसे भूल रही है। मुख्यमंत्री ने राज्य की संस्कृति और परंपराओं को पुनर्जीवित करने का काम कर रहे हैं।