Acn18.com/देशभर के साथ रविवार को छत्तीसगढ़ में भी रामनवमी पर कई कार्यक्रम किए गए। रायपुर के दूधाधारी और जैतूसाव मठ में भगवान राम का दूध से अभिषेक कर स्वर्ण श्रृंगार किया गया। साथ ही 1100 किलो मालपुआ का भोग लगेगा।
वहीं VIP रोड स्थित राम मंदिर में भी सुबह से लोग दर्शन करने पहुंचे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी श्रीराम मंदिर में पूजा-अर्चना की। सीएम साय ने मंदिर परिसर स्थित अंजनी माता और बाल हनुमान मंदिर में भी पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया।
बिलासपुर और रायगढ़ में भी शोभा यात्रा निकाली गई। वहीं बस्तर, अंबिकापुर समेत प्रदेशभर में रामनवमी धूमधाम से मनाई जा रही। ज्योतिषाचार्य डॉ. दत्तात्रेय होस्केरे ने बताया कि कि भगवान राम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को दोपहर के समय हुआ।
रामनवमी आठ महायोगों में
ज्योतिषाचार्य डॉ. दत्तात्रेय होस्केरे बताते हैं कि, भगवान राम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को दोपहर के समय हुआ। रविवार को रवि पुष्य योग, रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, मालवी योग, सुलक्ष्मी योग, बुद्धादित्य योग, सुकर्मा योग और श्रीवत्स योग का महायोग है।
1100 किलो मालपुआ का भोग लगाया गया
- पुरानी बस्ती क्षेत्र स्थित जैतुसाव मठ 200 साल पुराना है। यहां अंग्रेजों के समय से मालपुआ बनते आ रहा है। इस बार भी रामनवमी के मौके पर 1100 किलो मालपुआ का भोग लगा।
- सदर बाजार के गोपाल मंदिर में भी दोपहर 12 बजे ठाकुरजी का पंचामृत स्नान और भजन-कीर्तन हुए।
-
राम मंदिर में भव्य आतिशबाजी
VIP रोड़ स्थित श्रीराम मंदिर में रुद्राभिषेक और सवा मन भोग भी लगाया गया। दोपहर 1 बजे से भंडारा और शाम 7 बजे महाआरती के बाद 7.30 बजे भव्य आतिशबाजी का आयोजन रखा गया।
रामनवमी के मौके पर वीआईपी रोड स्थित राम मंदिर के अलावा शहर के अलग-अलग मोहल्ले से शोभा यात्रा निकाली गई। राम मंदिर के साथ कई जगह हनुमान मंदिर में भी भंडारे का आयोजन किया गया है।
राजधानी में रामनवमी मनाएंगे शंकराचार्य
पुरी शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती रायपुर के रावांभाठा सुदर्शन संस्थानम आश्रम में रामनवमी उत्सव में शामिल हुए। वहीं, टाटीबंध स्थित इस्कॉन मंदिर में रामकथा के बाद महाभिषेक और वृंदावन से आए वस्त्रों से राम दरबार का शृंगार किया गया।
हनुमान चालीसा का महापाठ
जीई रोड के दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में शाम 7 बजे से हनुमान चालीसा महापाठ का आयोजन रखा गया। इस अवसर पर पंडित विजय शंकर मेहता का विशेष व्याख्यान है। हनुमान चालीसा और ‘मानव कल, आज और कल’ विषय पर ये व्याख्यान है।