Acn18.com/झारखंड के बड़े गैंगस्टर में शामिल अमन साहू मारा गया है। सूचना के मुताबिक वह पुलिस एनकाउंटर में मारा गया है। मंगलवार को उसे रायपुर से पुलिस रिमांड में रांची लाया जा रहा था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक पलामू में पुलिस की गाड़ी हादसे का शिकार हो गई थी।
इसका फायदा अमन साहू ने उठाया। वो सिपाही की राइफल छीन कर भागने की कोशिश में था। पुलिस ने उसे रोका तो उसने फायरिंग कर दी। तभी पुलिस की ओर से हुई जवाबी कार्रवाई में वो ढेर हो गया। इस मुठभेड़ में एक जवान के भी घायल होने की खबर है। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। पलामू जिले की एसपी रिष्मा रमेशन सहित तमाम पुलिस अधिकारी घटनास्थल के लिए निकल चुके हैं।
बरियातू में 7 मार्च को कोयला कारेाबारी बिपिन मिश्रा और 8 मार्च को हजारीबाग में NTPC के DGM कुमार गौरव को गोली मारने के मामले में अमन साहू से पूछताछ करने के लिए उसे रायपुर से रांची लाया जा रहा था।
घटना चैनपुर-रामगढ़ रोड़ के अन्हारी ढ़ोढ़ा घाटी में हुई है। मौके पर एसपी रिष्मा रमेशन, एसडीपीओ मेदिनीनगर, चैनपुर थाना और रामगढ़ थाना की पुलिस मौजूद है।
जहां घटना हुई है, वह थोड़ा जंगली इलाका है। यहां मोबाइल नेटवर्क की भी दिक्कत है। घटनास्थल से 100 मीटर पहले आम लोग और मीडिया के जाने पर रोक लगा दी गई है।
NTPC DGM मर्डर केस में होनी थी पूछताछ
रांची में बिपिन मिश्रा और हजारीबाग में कुमार गौरव पर हमला एक ही तरीके से किया गया है, इसलिए पुलिस दोनों की जांच साथ-साथ कर रही है। जांच टीम को पता चला कि अपराधियों ने दोनों घटना में बाइक का इस्तेमाल किया था।
सुबह के वक्त गोली मारी गई, जब वे अपने आवास से निकल कर काम पर जा रहे थे। अपराधियों के पहनावे में भी समानता मिली है। रांची में बिपिन मिश्रा को गोली मारने के बाद अमन साहू गैंग के गुर्गे मयंक सिंह ने सोशल मीडिया पर घटना की जिम्मेदारी ली थी। लेकिन, डीजीएम कुमार गौरव को गोली मारने की जिम्मेदारी लेने से इनकार किया था।
इन्हीं दोनों घटनाओं को लेकर झारखंड पुलिस अमन साहू से पूछताछ करना चाहती थी। इसलिए छत्तीसगढ़ के रायपुर जेल में बंद अमन साहू को पुलिस कस्टडी में रांची लाया जा रहा था। एनटीपीसी डीजीएम हत्याकांड में बनाई गई एसआईटी और एटीएस दोनों ही उससे पूछताछ करने वाली थी।
रंगदारी नहीं देने पर फायरिंग करवाता, पोस्ट भी करता
अमन साहू झारखंड पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती था। उसके गिरोह के निशाने पर कोयला कारोबारी, ट्रांसपोर्टर, ठेकेदार, रियल एस्टेट कारोबारी और बिल्डर हैं। अमन इनसे लगातार रंगदारी वसूल रहा। बात नहीं मानने वालों पर खुलेआम गोलियां भी चलवाई।
घटना के तुरंत बाद गैंग के गुर्गे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर और वर्चुअल नंबर से मीडिया को जानकारी भी देते रहे कि घटना को उनके ही गिरोह ने अंजाम दिया है।
14 अक्टूबर को रायपुर लाई थी पुलिस
अमन साहू पर रायपुर में रंगदारी के दो मामले दर्ज थे। वह पिछले साढ़े तीन महीने से रायपुर जेल में था। झारखंड के जेलों से वह रंगदारी का धंधा तो करता ही था, अब रायपुर से भी रंगदारी का खेल चलाने लगा था।
40 पुलिसकर्मियों की टीम अमन साहू को झारखंड से प्रोडक्शन वारंट पर 14 अक्टूबर को रायपुर लेकर आई थी। कारोबारी प्रह्लाद राय अग्रवाल की कार पर फायरिंग केस में अमन साहू मुख्य आरोपी है। 13 जुलाई को अमन के गुर्गों ने फायरिंग की थी।
इस गोलीकांड में अमन साहू के अलावा लॉरेंस बिश्नोई का नाम भी सामने आया था। रायपुर के तेलीबांधा इलाके में PRA कंस्ट्रक्शन नाम से ऑफिस है जहां फायरिंग हुई थी। इसके बाद से अमन को रायपुर लाने की तैयारी चल रही थी।
झारखंड पुलिस के लिए बड़ी चुनौती था अमन साहू अमन साहू और उसका गैंग झारखंड पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ था। गिरोह के निशाने पर कोयला कारोबारी, ट्रांसपोर्टर, ठेकेदार, रियल एस्टेट कारोबारी और बिल्डर हमेशा रहते थे। वह इनसे लगातार रंगदारी वसूल रहा था। बात नहीं मानने वालों पर खुलेआम गोलियां भी चलवा रहा था। घटना के तुरंत बाद गैंग के गुर्गे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर और वर्चुअल नंबर से मीडिया को जानकारी भी देते थे कि घटना को उनके ही गिरोह ने अंजाम दिया है।
विधानसभा चुनाव लड़ने वाला था अमन साहू
झारखंड में हुए इस साल का विधानसभा चुनाव भी वह लड़ना चाह रहा था। उसने बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए पर्चा भी खरीदा था। उसने चुनाव लड़ने की अनुमति के लिए झारखंड हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दाखिल की थी।
पर झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की पीठ ने चुनाव लड़ने के लिए सजा पर रोक लगाने की मांग वाली की याचिका खारिज कर दी थी। पीठ ने कहा था अमन साहू के खिलाफ 120 से अधिक गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। पीठ ने अमन साहू के अधिवक्ता के उस दलील को नहीं माना था, जिसमें ममता देवी के मामले में दिए गए आदेश को आधार बनाया गया था।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ काम करने वाला झारखंड का कुख्यात अमन साहू राज्य के पुलिस और कारोबारियों दोनों के लिए मुसीबत बना हुआ है। पुलिस जिस रफ्तार से घटनाओं का खुलासा कर रही है उतनी ही रफ्तार से अमन का गैंग घटनाओं को अंजाम भी दे रहा है। शुक्रवार को राजधानी में दिन-दहाड़े एक कोयला कारोबारी को गोली मारी और फरार हो गए।
चाहे हत्या हो या फिर पैसे के लिए धमकी देना, सूत्र बताते हैं कि ये सारे काम जेल में बंद अमन साहू के निर्देश पर उसके गुर्गे कर रहे हैं। अमन साहू का बीते 4 साल में 10 अलग-अलग जेलों में ट्रांसफर किया जा चुका है। फिलहाल वह छत्तीसगढ़ के रायपुर जेल में बंद है। इसके बाद बाद भी उसका गैंग सक्रिय है। राज्य के 8 जिलों में गिरोह एक्टिव है।