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एकनाथ शिंदे बोले- जनता मुझे ही CM चाहती है:महायुति में मतभेद नहीं; भाजपा विधायक दल की बैठक कल होने की संभावना

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acn18.com/   महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का रिजल्ट 23 नवंबर को आया था। भाजपा, शिवसेना शिंदे और NCP अजित गुट के गठबंधन महायुति को 230 सीटें मिलीं। यानी बहुमत के लिए जरूरी 145 विधायकों से 85 सीटें ज्यादा। रिजल्ट आए आज 9 दिन बीत चुके हैं, लेकिन मुख्यमंत्री पर पेंच अब भी बना हुआ है।

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महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि जनता चाहती है कि CM वही रहें। शिंदे ने रविवार को इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा है, ‘मैं आम लोगों के लिए काम करता हूं। मैं जनता का मुख्यमंत्री हूं। इसी वजह से लोग मानते हैं कि मुझे ही मुख्यमंत्री बनना चाहिए।’

इससे पहले शिंदे रविवार दोपहर अपने गृह जिले सातारा से मुंबई लौट आए। 29 नवंबर को दिल्ली में शाह से मिलने के बाद वे मुंबई के सारे कार्यक्रम रद्द कर सातारा अपने गांव चले गए थे। रविवार को उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा- मोदी और शाह जिसे मुख्यमंत्री बनाएंगे, मैं उसका समर्थन करूंगा। महायुति में कोई विवाद नहीं है। 2 नवंबर यानी आज हम CM चुन लेंगे।

5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में होगा शपथ समारोह

सूत्रों के मुताबिक शिंदे की नाराजगी के बीच भाजपा विधायक दल की बैठक दो बार टल चुकी है। पहले 29 नवंबर को होने वाली बैठक 1 नवंबर तय की गई। इसके बाद दोबारा इसे 3 नवंबर के लिए रखा गया। भाजपा ने देवेंद्र फडणवीस का नाम CM के लिए फाइनल कर दिया है। अब औपचारिक घोषणा भर बाकी है।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने 30 नवंबर को नागपुर में कहा था कि नई सरकार का शपथ ग्रहण 5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में होगा। प्रधानमंत्री मोदी कार्यक्रम में शामिल होंगे।

23 नवंबर: महाराष्ट्र विधानसभा का रिजल्ट आया। महायुति को 230 सीटों पर जीत हासिल हुई। भाजपा ने 132, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) ने 57 और NCP (अजित पवार) ने 41 सीटें जीतीं। शिंदे बोले थे- CM तीनों पार्टियां मिलकर तय करेंगी। फडणवीस ने कहा था, एक हैं तो सेफ हैं।

25 नवंबर: 1 मुख्यमंत्री और 2 डिप्टी CM का फॉर्मूला तय हुआ। महायुति की पार्टियों में हर 6-7 विधायक पर एक मंत्री पद के फॉर्मूला की बात सामने आई। इस हिसाब से भाजपा के 22-24, शिंदे गुट के 10-12 और अजित गुट के 8-10 विधायकों को मंत्री बन सकते हैं।

27 नवंबर: ठाणे में कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि भाजपा का सीएम हमें मंजूर है। मुझे पद की लालसा नहीं। जब मैं मुख्यमंत्री था तब मोदी जी मेरे साथ खड़े रहे। अब वो जो फैसला लेंगे स्वीकार होगा।

28 नवंबर: एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने दिल्ली में करीब ढाई घंटे तक गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मीटिंग की। शिंदे ने आधे घंटे तक शाह से अकेले मुलाकात की। हाईकमान ने शिंदे को डिप्टी सीएम या केंद्र में मंत्री पद का ऑफर किया है।

29 नवंबर: महायुति की बैठक टाल दी गई। एकनाथ शिंदे अचानक सातारा चले गए। शिवसेना मुख्यमंत्री पद के बदले गृह और वित्त मंत्रालय मांग रही है। शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा- अगर शिंदे डिप्टी सीएम का पद स्वीकार नहीं करते हैं तो पार्टी से ही दूसरा चेहरा ये पद संभालेगा।

30 नवंबर: शपथ ग्रहण समारोह की तारीख सामने आई। अजित पवार ने साफ कर दिया कि CM भाजपा से होगा और शिवसेना-NCP के डिप्टी CM होंगे।

1 दिसंबर: शिंदे दो दिन अपने पैतृक गांव सातारा में रहे। 30 नवंबर को उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। मुंबई से आए डॉक्टरों ने उनका इलाज किया। रविवार को वे सातारा के एक मंदिर गए। कुछ देर बाद मीडिया से बातचीत में कहा- व्यस्त चुनावी कार्यक्रम के बाद मैं यहां आराम करने आया था। प्रधानमंत्री मोदी और शाह जिसे CM तय करेंगे वो मुझे स्वीकार होगा।

गृह और वित्त मंत्रालय पर बात अटकी

शिंदे सरकार में गृह मंत्रालय देवेंद्र फडणवीस और वित्त मंत्रालय अजित पवार के पास था।

शिंदे सरकार में डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस के पास ही गृह मंत्रालय था। वो इस मंत्रालय को छोड़ना नहीं चाहते हैं। वहीं शिंदे गुट का तर्क है कि अगर डिप्टी CM का पद हमें मिल रहा है तो गृह मंत्रालय भी उन्हें ही मिलना चाहिए। शाह के साथ बैठक में भी इसका हल नहीं निकल पाया।

पहले गृह मंत्रालय देवेन्द्र फड़णवीस के पास था। माना जा रहा है कि इस विवाद के चलते शाह की बैठक में कैबिनेट गठन पर कोई समाधान नहीं निकल सका। एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि बीजेपी गृह मंत्री का पद कभी हाथ से नहीं जाने देगी।

सूत्रों के मुताबिक, शाह से चर्चा के बाद भी विभागों को लेकर गठबंधन में खींचतान मची हुई है। भाजपा गृह, राजस्व, उच्च शिक्षा, कानून, ऊर्जा, ग्रामीण विकास अपने पास रखना चाहती है। उन्होंने शिवसेना को हेल्थ, शहरी विकास, सार्वजनिक कार्य, उद्योग ऑफर किया है। वहीं NCP अजित गुट को वित्त, योजना, सहयोग, कृषि जैसे विभाग देने की पेशकश की है।

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