Acn18.com/कोरबा में भी राज्योत्सव का आयोजन किया गया इस आयोजन में क्षेत्रीय कलाकारों ने भी अपने प्रदर्शन से प्रतिभा का लोहा मनवाया.संस्मृति वोहरा के कथक प्रस्तुति को लोगों ने खूब सराहा।
गौरतलब है कि संस्मृति वोहरा, कथक कलाकार और शिक्षक हैं। उन्होंने रंजीत नायक के मार्गदर्शन में कथक की बारीकियाँ सीखीं। प्रोफेशनल प्रशिक्षण के लिए आगे बढ़ने के निश्चय के साथ, उन्हें दिल्ली में जयपुर घराने के प्रमुख और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित पं. राजेंद्र कुमार गंगानी जी से सीखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आज भी वे पं. राजेंद्र कुमार गंगानी और उनके पुत्र संजीत गंगानी से प्रशिक्षण ले रही हैं।
संस्मृति ने खैरागढ़ के इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय से कथक में MA की डिग्री प्राप्त की है और अब अपने क्षेत्र में योगदान देने के उद्देश्य से टी.पी. नगर, कोरबा में कलाधाम नामक अपनी अकादमी में युवा और वयस्क छात्राओं को कथक सिखा रही हैं। कलाधाम केवल कथक तक सीमित नहीं है, बल्कि संगीत और दृश्य कलाओं को भी समर्पित है, जिससे कला की संपूर्णता को बढ़ावा मिलता है।
उन्होंने पहले कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पुरस्कार जीते हैं। दिल्ली में प्रशिक्षण के बाद, उन्हें G20 समिट, चंडीगढ़ गंगा उत्सव, कुरुक्षेत्र, महाराजा कुम्भ संगीत समारोह उदयपुर, दिल्ली की आर्ट गैलरीज, पाली उत्सव आदि जैसे प्रतिष्ठित मंचों पर प्रदर्शन का अवसर मिला।