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ब्रैम्पटन में मंदिर के बाहर लोगों ने दिखाई एकजुटता; खालिस्तानी प्रदर्शन में दिखा पुलिस अधिकारी निलंबित

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रविवार को खालिस्तानी समर्थकों ने ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर में भक्तों के एक समूह को निशाना बनाया था। इस घटना से हिंदुओं में बड़े स्तर पर आक्रोश फैल गया है। इस घटना का विरोध जताने के लिए एब बड़ी संख्या में लोग जमा हो रहे हैं।

कनाडा में लगातार हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया जाता रहा है। एक बार फिर खालिस्तानी समर्थकों ने रविवार को हिंदुओं और मंदिरों पर हमले किए। अब खालिस्तान समर्थकों के हमले से नाराज हिंदू एकजुट हो रहे हैं। सोमवार की शाम को ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के बाहर भारी भीड़ एकत्रित हुई और मंदिर तथा समुदाय के साथ एकजुटता दिखाई। वहीं, एक मीडिया रिपोर्ट की माने तो हमले में शामिल एक पील क्षेत्रीय पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है।

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हिंदू कनाडाई कनाडा के प्रति बहुत वफादार’

एकजुटता रैली के आयोजकों ने कनाडाई राजनेताओं तथा कानून प्रवर्तन एजेंसियों पर खालिस्तानियों को और अधिक समर्थन न देने का दबाव डाला। एकजुटता रैली में भाग लेने वालों में से एक ने कहा, ‘आज एक बात तो साफ हो गई है कि कनाडा में हमारी जान है और हिंदुस्तान में हमारी जान बस्ती है। हिंदू कनाडाई कनाडा के प्रति बहुत वफादार हैं। हिंदू कनाडाई लोगों के साथ जो हो रहा है वह सही नहीं है। समय आ गया है कि यहां के सभी राजनेता यह जान लें कि हिंदू कनाडाई लोगों के साथ जो हो रहा है वह गलत है। हम चाहते हैं कि कनाडा हिंदुओं के साथ अच्छा व्यवहार करे। हम चाहते हैं कि भारत और कनाडा के संबंध मजबूत हों, हम उनके खिलाफ हैं जो इसके खिलाफ हैं।’

राजनेताओं, पुलिस की प्रतिक्रिया चौंकाने वाला’

ऋषभ ने कहा, ‘रविवार को जो भी यहां हुआ उससे हम बहुत आहत हैं। हम यहां हिंदू समुदाय के समर्थन में आए हैं। हिंदू समुदाय ने कनाडा में बहुत योगदान दिया है और हम प्रगतिशील हैं, हम बहुत अधिक आर्थिक मूल्य जोड़ते हैं, हम जहां भी जाते हैं कानून और व्यवस्था का पालन करते हैं – चाहे वह कनाडा हो या कहीं और। राजनेताओं, पुलिस की प्रतिक्रिया देखना चौंकाने वाला है कि उन्होंने हमारे साथ कैसा व्यवहार किया है। हम यहां समर्थन में आए हैं। हम केवल न्याय की मांग कर रहे हैं। कानून के शासन का पालन किया जाना चाहिए और अपराधियों पर कानून के शासन के तहत मुकदमा चलाया जाना चाहिए।’

हरिंदर सोही को मिल रहीं धमकियां

दूसरी ओर, 18 साल से काम कर रहे सार्जेंट हरिंदर सोही को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन के बाद सोही को सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। इसके चलते पील क्षेत्रीय पुलिस एसोसिएशन ने उन्हें सहायता और सुरक्षा देने की पेशकश की है। बता दें, अधिकारी सोही पर वर्तमान में किसी भी तरह के गलत काम का आरोप नहीं है।

वीडियो से अधिकारी की संलिप्तता का पता चला

एक मीडिया संस्थान ने बताया कि रविवार को ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हिंदुओं पर हमला करने वाले खालिस्तानी समर्थकों के साथ पुलिस अधिकार सोही भी मिले हुए थे। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह खालिस्तानी समर्थकों का साथ देते हुए दिख रहे हैं। इसी के चलते उन्हें निलबिंत कर दिया गया।

जांच की जा रही है: चिन
पील पुलिस के प्रवक्ता रिचर्ड चिन ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे वीडियो के बारे में पता है, जिसमें उनके एक ऑफ-ड्यूटी अधिकारी को विरोध प्रदर्शन में भाग लेते हुए दिखाया गया है। उन्होंने कहा, ‘हमें सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो के बारे में पता है। अधिकारी को तब से सामुदायिक सुरक्षा और पुलिस अधिनियम के अनुसार निलंबित कर दिया गया है। हम वीडियो में दर्शाई गई परिस्थितियों की पूरी तरह से जांच कर रहे हैं। जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक हम आगे की जानकारी देने में असमर्थ हैं।’

इस बीच, पील क्षेत्रीय पुलिस ने जोर देकर कहा कि वे अधिकारियों को तैनात करके शांतिपूर्ण और वैध नियोजित विरोध सुनिश्चित करने के लिए उपाय कर रहे हैं। हिंसा और अन्य आपराधिक कृत्यों का हमारे समुदाय में कोई स्थान नहीं है।

हिंदू मंदिर में भक्तों पर हुआ हमला
दरअसल, रविवार को खालिस्तानी समर्थकों ने ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर में भक्तों के एक समूह को निशाना बनाया था। इस घटना से हिंदुओं में बड़े स्तर पर आक्रोश फैल गया है। खुद प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि मंदिर में हिंसा की घटनाएं अस्वीकार्य हैं। प्रत्येक कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है।

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