कोरबा में एसईसीएल प्रबंधन की मनमानी से भू-विस्थापित काफी परेशान है। खदान विस्तार के लिए कुसमुंडा खदान प्रबंधन ने सोनपुरी गांव के ग्रामीणों की जमीन का अधिग्रहण तो कर लिया है,लेकिन अब तक न तो मुआवजा दिया है,न तो रोजगार और न ही बसाहट। अधिग्रहण हो जाने के कारण ग्रामीण अपनी जमीन को बेच भी नहीं पा रहे है। परेशान होकर ग्रामीण सोमवार को कलेक्टर के पास अपनी फरियाद लेकर पहुंचे।
कोरबा में एसईसीएल प्रबंधन भू-विस्थापितों के हितों के साथ लगातार खिलवाड़ कर रहा है। अपनी स्वार्थ सिद्धी के बाद प्रबंधन भू-विस्थापितों की सुध लेने की जहमत नहीं उठा रहा है। कुसमुंडा खदान के विस्तार के लिए प्रबंधन ने वर्ष 2009-10 में सोनपुरी गांव का अधिग्रहण किया था,लेकिन आज तक प्रभावितों को मुआवजा नहीं मिल सका है। रोजगार और बसाहट की सुविधा भी नहीं दी गई है। अधिग्रहण के कारण ग्रामीण अपनी जमीन भी नहीं बेच पा रहे है। परेशान होकर ग्रामीणों की भीड़ सोमवार को कलेक्टर के पास पहुंचा और अपनी शिकायत दर्ज कराई।
ग्रामीण चाहते हैं,कि उनकी जमीन पर लगे स्टे को हटा दिया जाए ताकी वे अपनी जमीन की खरीदी बिक्री कर सके। इस मामले में उन्होंने कलेक्टर से हस्तक्षेप करने को कहा,कि देखने वाली बात होगी,कि उनकी मांगो को प्रशासन किस तरह लेता है।
रामेश्वर साहू