दरअसल कोटा क्षेत्र के पटैता कोरीपारा मे टीकाकरण के बाद दो बच्चो की तबीयत बिगड गई थी जिसके बाद दोनो बच्चो की मौत हो गई मामले ने जब तुल पकडा तब राज्य स्तरीय जांच टीम बनाई गई जो सोमवार को जांच करने रायपुर से गांव पहुंचे तो ग्रामीणों की नाराजगी का सामना करना पड़ा जैसे ही अधिकारियों ने गांव पहुंचकर प्रारंभिक जानकारी जुटाना शुरू किया तो ग्रामीण एकजुट हो गए और उन्होंने मौत के चौथे दिन आने और बार-बार वही बात पुछताछ करने पर नाराजगी जताई ग्रामीणों का कहना था कि टीका लगने से पहले बच्चे स्वस्थ थे फिर उनसे क्यों बार-बार पूछ रहे हैं।
अधिकारी जब टीका लगाने के समय की परिस्थितियों के बारे में बातचीत शुरू की तो ग्रामीण भड़क गए और कहने लगे की एक ही बात उनसे बार-बार पूछे जा रहे है ग्रामीण का कहना था कि बच्चे टीका लगने से पहले पूरी तरीके से स्वस्थ थे और टीका लगने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ी तीन दिन से इन सवालों से परेशान हो गए हैं। जो होना था वह हो गया फिर बार-बार क्यों परेशान करने आ जाते हो जिस समय जांच करना था तब भगा दिया गया था ग्रामीणों ने जांच टीम से किसी भी तरह चर्चा करने और उनको जानकारी देने से इनकार कर दिया वही जांच दल के सदस्यो को ग्रामीणों ने गाव से जाने तक के लिए कह दिया गाव वालो का गुस्सा देखकर अधिकारी भी गांव से बाहर वापस लौट गये।