रायपुर। राम जन्मभूमि के वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन आज राजधानी रायपुर पहुंचे. वे यहां आयोजित “राष्ट्रीय गौरव का पुनर्जागरण” कार्यक्रम में शामिल होंगे. एयरपोर्ट में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया. मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि देश में सनातन बोर्ड बनना चाहिए. जितने मंदिर, जो सरकार के कंट्रोल में अलग-अलग राज्यों में है. वह सब मुक्त होना चाहिए. उसके प्रावधान भी मैं लोगों के सामने रखूंगा.
वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा, मेरा जो व्याख्यान है वह उन अंगों पर केंद्रित रहेगा, जो बहुसंख्यक समाज की आत्मा के विरोधी है. जो कानून इस देश में बहुसंख्यक समाज को दूसरे जगह नागरिक बनने में कोशिश करने में मजबूर कर रहे हैं. उसके ऊपर मेरा फोकस रहेगा. समाज से और भी जो जुड़े हुए मुद्दे हैं. जहां पर हिंदू समाज के लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है. उनके लिए क्या न्यायालय प्रकरण चल रहा है. उसको लेकर हमारा व्याख्यान रहेगा.
देश में एक साथ कई कानून को बदलने के बयान पर विष्णु शंकर जैन ने कहा, सीपीसी, आईपीसी का सवाल है. वह एक विषय है. मेरा जो फोकस है. मेरा उन कारणों पर है, जो बहुसंख्यक समाज को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाया है, जो सेकुलर शब्द ऐड किया गया है. आर्टिकल माइनॉरिटी का जो कांसेप्ट है. माइनॉरिटी का जो मिनिस्ट्री है. इन सारे विषयों जो हिंदू समाज की आत्मा को झकझोर कर रखता है. उन सब विषय पर हमारा फोकस रहेगा. ज्ञानवापी, कृष्ण जन्मभूमि, कुतुब मीनार, ताजमहल, मस्जिद का हम केस लड़ने जा रहे हैं. ऐसे मंदिर मस्जिद के केस हैं, जो पहले के इतिहास में मंदिर हुआ करता था. इसको जबरदस्ती कब्जा किया गया. इस पर हमारा फोकस रहेगा.
उन्होंने कहा, सनातन बोर्ड बनना चाहिए. जितने मंदिर जो सरकार के कंट्रोल में अलग-अलग राज्यों में है. वह सब मुक्त होना चाहिए. उसके प्रावधान भी मैं लोगों के सामने रखूंगा. यह हमारी मांग रहेगी. कोशिश यही है, जो फैक्ट इश्यूज है. जो कानून इस समय हिंदू विरोधी है. उसे फोकस करें. वह लोगों के सामने रखें जब वह एक्ट 1995 जैसे क्यों ना हो।
उन्होंने कहा, वर्तमान समय में समाज में बहुत बड़ा परिवर्तन आया है. समाज में चेतना पैदा हुई है. जो लीगल इशू है. समाज उसके लिए काफी एक्टिव हुआ है. लीगल इश्यूज को लड़ाई का महत्व नहीं दिया जाता था अब उसको महत्व दिया जाता है. उन्होंने कहा, 22 जनवरी जैसा दिन काशी और मथुरा में वापस आएगा. हिंदू पर्सनल लॉ बोर्ड हम बना सकते हैं, इसे लेकर कोई रोक-टोक नहीं है. जैसे वक्फ बोर्ड के तहत बना है. वैसा हिंदू बोर्ड भी बन सकता है. पार्लियामेंट में रखकर इसको लेकर कानून जारी कर सकते हैं. बांग्लादेश की घटना को लेकर उन्होंने कहा, यह सवाल सीनियर लीडर से पूछना चाहिए. बांग्लादेश जैसे हालात इस देश में हो सकते हैं. सीनियर वकील से हमें सवाल करना चाहिए. वह इसके माध्यम से क्या कहना चाहते हैं.